मध्य प्रदेश में परिवहन की जानकारी

मध्य प्रदेश में परिवहन की जानकारी

मध्य प्रदेश परिवहन सड़क मार्ग

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किसी भी देश की आर्थिक विकास एवं भावनात्मक एकता बढ़ाने हेतु उन्नत परिवहन का होना अनिवार्य है। परिवहन संसाधनों का महत्व किसी प्रदेश के लिए उतना ही होता है जितना कि शरीर में रक्त धमनियों का होता है। बस स्टैंड के उन्ययन के लिए मध्य प्रदेश इंटर सिटी ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी का गठन किया गया है। चालक/ परिचालक के कल्याण हेतु चालक परिचालक कल्याण बोर्ड का गठन 2015 में किया गया है।

ग्रामीण जनता के परिवहन की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन सेवा का शुभारंभ किया गया है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के कल्याण की दिशा में निशुल्क ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की योजना 28 दिसंबर 2015 से प्रारंभ की गई है। इंदौर, भोपाल, उज्जैन, छिंदवाड़ा एवं जबलपुर में नॉन स्टॉप सेवा प्रारंभ की गई है। 

मध्य प्रदेश में परिवहन के प्रमुख तीन साधन है –

  1. सड़क मार्ग 
  2. रेल मार्ग 
  3. वायु मार्ग


राज्य के परिवहन क्षेत्र का वर्ष 2015 – 16 एवं 2016 – 17 तारीख में सकल घरेलू उत्पाद में प्रचलित भाव पर क्रमसा 3.02% एवं 2.78% अंश की भागीदारी रही है। प्रदेशमैं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत दिसंबर 2018 तक 73006 किलोमीटर लंबे मार्गो का निर्माण किया जा चुका है। वर्ष दो हजार सत्रह अट्ठारह में महा जनवरी 2018 तक लोक निर्माण विभाग द्वारा संधारित कुल सड़कों की लंबाई 64923 हजार किलोमीटर रही। वर्ष 2016 – 17 में प्रदेश में पंजीकृत वाहनों की संख्या 13193 हो गई। 

मध्य प्रदेश में प्रति 100 वर्ग किमी. पर कुल पक्की सड़कों की लंबाई 31 किमी. है। प्रदेश का सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग NH-47 (ग्वालियर से बैतूल) है। इसकी लंबाई 634 किलोमीटर है। प्रदेश का सबसे छोटा राष्ट्रीय मार्ग 135 BB है। जिसकी लंबाई मात्र 7.5 किलोमीटर है। प्रदेश के बड़े बड़े नगरों को जोड़ने वाली सड़कों को प्रांतीय राज्य मार्ग कहते हैं। जिसकी लंबाई 11389 किमी है। अन्य जिले /ग्रामीण मार्ग की लंबाई 23395 किलोमीटर है। मध्य प्रदेश परिवहन निगम की स्थापना वर्ष 1962 में की गई थी, जिसे वर्तमान में समाप्त कर दिया गया है। NH-44 प्रदेश का दूसरा सर्वाधिक लंबा राष्ट्रीय मार्ग है जिसकी लंबाई 571.9 किलोमीटर है।

राष्ट्रीय राज्य मार्ग – मध्य प्रदेश राज्य से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राज्य मार्गों की लंबाई 8772.3 किलोमीटर है। जिस में सर्वाधिक लंबाई 634 किलोमीटर ग्वालियर से बैतूल राष्ट्रीय राज्य मार्ग की है। उत्तर प्रदेश बॉर्डर से महाराष्ट्र बॉर्डर वाले एनएच – 44 राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई 571.9 किलोमीटर है। यह दूसरा लंबा राष्ट्रीय राज्य मार्ग है, जो प्रदेश से गुजरता है। राष्ट्रीय राज्य मार्ग मध्य प्रदेश राज्य को देश के अजमेर, बांदा, कोटा, उधमपुर, रांची, रेनकूट, अहमदाबाद, इलाहाबाद, झांसी, लखनऊ, मुंबई, आगरा, जयपुर, कन्याकुमारी, वाराणसी, कानपुर आदि महत्वपूर्ण नगरों से जोड़ते हैं।

राज्य मार्ग – प्रांतीय राज्य मार्गों की लंबाई वर्ष 2017 – 18 जनवरी 2018 तक 11389 किलोमीटर है।

मुख्य जिला मार्ग – वर्ष 2017 – 18 तक कुल 22129 किलोमीटर लंबाई के मुख्य जिला मार्गों का संधारण किया गया।

  • मध्यप्रदेश में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय की संख्या 10 है।
  • मध्य प्रदेश में जिला परिवहन कार्यालयों की संख्या 30 है।
  • मध्यप्रदेश में राज्य सीमा व परिवहन चेकपोस्ट की संख्या 40 है।


मध्य प्रदेश में रेल मार्ग
मध्य प्रदेश में रेलवे का इतिहास 1867 से प्रारंभ माना जाता है। मध्यप्रदेश में सर्व प्रथम वर्ष 1867 में प्रथम रेल मार्ग इलाहाबाद – जबलपुर के मध्य प्रारंभ हुआ था। जिसके माध्यम से 1 अगस्त 1867 को कोलकाता – इलाहाबाद ईस्ट इंडिया रेल गाड़ी जबलपुर पहुंचती थी। मध्य प्रदेश में रेलवे का इतिहास से संबंधित मुख्य जानकारी सुल्तान जहां बेगम की किताब गोहर ए इकबाल से मिलती है। 

पश्चिम की ओर से ग्रेट इंडियन पेनिन्सूला रेल मुंबई से प्रारंभ होकर इटारसी 1 जनवरी 1870 को पहुंची। 26 जनवरी 1889 तक सागर और कटनी भी जुड़ गये। कटनी मुड़वारा जॉन बंगाल नागपुर रेलवे से 1 जनवरी 1889 को जोड़ गया। जबलपुर गोंदिया रेल मार्ग 1906 में शुरू हुआ इसका नाम सतपुड़ा ब्रांच रखा गया। 18 सो 95 में सिंधिया शासक माधवराव सिंधिया द्वारा ग्वालियर से शिवपुरी के मध्य नैरोगेज ट्रेन प्रारंभ की गई थी। 

भोपाल स्टेट रेलवे का शुभारंभ शाहजहां बेगम के समय में हुआ 18 नवम्बर 1882 को शाम 4बजे भोपाल रियासत में रेलवे की ओपनिंग सेरेमनी हुई। वर्ष 1869 में तुकोजीराव होलकर द्वितीय के प्रयासों से खंडवा इंदौर रेल लाइन का निर्माण हुआ था। वर्ष 1877 में राजपूराताना मालवा रेलवे के नाम से जानी जाने वाली इंदौर उज्जैन रेलवे लाइन का निर्माण कराया गया। 

मध्य प्रदेश की व्यवसायिक राजधानी इंदौर रेलवे जंक्शन का आरंभ 1893 में हुआ था। जिसका पुनः निर्माण वर्ष 1921 में हुआ तथा वर्ष 2012 में इसका विद्युतीकरण हुआ। होशंगाबाद जिले का इटारसी रेलवे जंक्शन प्रदेश का सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन है। भोपाल के मुख्य जंक्शन का निर्माण वर्ष 1941 में भारत की स्वतंत्रता के पूर्व हुआ था जबकि शहर के दूसरे स्टेशन हबीबगंज रेलवे स्टेशन का निर्माण 1975 में हुआ था तथा प्रारंभ 1979 में हुआ। देश में 17 रेलवे जोनो में से एक पश्चिम मध्य रेलवे का मुख्यालय जबलपुर में है। यह वर्ष 1998 में रेलवे जोन मुख्यालय घोषित हुआ जबकि कार्यशील 1 अप्रैल 2003 से हुआ।

अंग्रेजों ने मध्यप्रदेश को समेटने वाले विभिन्न अंचलों से खनिज व वन्य संपदा ले जाने के लिए रेल मार्गों का निर्माण किया था। स्वतंत्रता के पूर्व जबलपुर, ग्वालियर और इंदौर रेल सुविधाओं के प्रमुख केंद्र थे। ग्वालियर से श्योपुर के बीच करीब 200 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक पर अभी भी वहां नैरोगेज गाड़ी चलती है, जिसने 1909 में चलना प्रारंभ किया था। ग्वालियर लाइन रेलवे के नाम से जाने, जाने वाले इस रेलवे मार्ग को यूनेस्को ने फिलहाल अपनी स्थाई सूची में दर्ज किया है। मध्य प्रदेश की रेल मार्ग की लंबाई विभाजन पूर्व 6100 किलोमीटर थी, जो कुल देश में रेल मार्ग की 10% थी, जो विभाजन के बाद लगभग 4903 किलोमीटर है।

वर्तमान रेल मार्ग – राज्य में रेल मार्ग की कुल लंबाई 4903 किलोमीटर है। रेल मार्ग से राज्य के रीवा, सतना, जबलपुर, इंदौर और भोपाल जैसे प्रमुख शहर जुड़े हैं। राज्य के विभिन्न स्टेशनों से प्रतिदिन सैकड़ों ट्रेनें गुजरती है। मध्य प्रदेश का रेल मार्ग घनत्व 15.9 किलोमीटर है।

मध्य प्रदेश से गुजरने वाले रेल मार्ग

  1. दिल्ली-आगरा-ग्वालियर-भोपाल-इटारसी-मुंबई
  2. दिल्ली-रतलाम-नागदा-मुंबई
  3. मुंबई-इटारसी-जबलपुर-कटनी-कोलकाता
  4. मुंबई-इटारसी-जबलपुर-कटनी-इलाहाबाद
  5. दिल्ली-मुंबई-बीना-भोपाल-इटारसी-हैदराबाद-चेन्नई
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मध्य प्रदेश में वायु परिवहन

मध्य प्रदेश का व्यवसायिक शहर इंदौर को कहते है। इंदौर में स्थित देवी अहिल्या बाई होलकर एयरपोर्ट को अब इंटरनेशनल एयरपोर्ट का दर्जा मिल गया है। केंद्र सरकार ने इंदौर एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन चेक पोस्ट की अनुमति दे दी है। अब यहां से जल्द ही इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू हो सकेगी इंदौर अब मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ का पहला इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन गया है। 

मध्य प्रदेश के 52 जिलों में से 24 जिलों में विमानतल एवं हवाई पट्टियां है। राज्य का एकमात्र सैनिक अड्डा ग्वालियर के महाराजपुर में है। प्रदेश में 5 हवाई अड्डे हैं इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, भोपाल व खुजराहो में है। भोपाल के हवाई अड्डे का नाम राजा भोज हवाई अड्डा रखा गया है। 26 हवाई पट्टी उम्र में 10 राष्ट्रीय वायु सेना के लिए है। 

मध्यप्रदेश का खजुराहो अंतरराष्ट्रीय वायु सेवा से जुड़ा है। प्रदेश में राष्ट्रीय हवाई पेन की हवाई पट्टीयों की संख्या सात हैं। मध्य प्रदेश का प्रस्तावित छोटा हवाई अड्डा ग्वालियर के टेकनपुर में है। मध्य प्रदेश के प्रमुख शहर भोपाल जबलपुर ग्वालियर इंदौर खजुराहो विमान सेवाओं से जुड़े हैं। जेट एयरवेज, इंडिया एयरलाइंस की विमान सेवा उपलब्ध है।
   

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