स्पैनिश एक्टर अल्वारो मोर्ते (Alvaro Morte) को उनके नाम से भले ही कुछ लोग उन्हें न जानते हों, लेकिन अगर नेटफ्लिक्स ( netflix ) की लोकप्रिय सीरीज ‘मनी हाइस्ट’ (Money Heist) के सर्जियो का नाम लिया जाए, तो हर कोई उस शातिर और क्यूट प्रोफेसर की बात करने लगेगा. अल्वारो, मनी हाइस्ट के वही प्रोफेसर हैं, जिन्होंने अपने शातिर दिमाग का हर किसी को कायल बनाया है. मनी हाइस्ट नेटफ्लिक्स की सबसे चर्चित सीरीज है और सर्जियो मार्क्विना उर्फ द प्रोफेसर सीरीज के सबसे पसंदीदा किरदार हैं.
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जिस तरह से अल्वारो सीरीज में फाइटर के तौर पर नजर आते हैं, वहीं असल जिंदगी में भी वह एक असल फाइटर रहे हैं. अल्वारो की जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी आ गया था, जब उन्हें लगने लगा था कि वह जिंदा नहीं बचेंगे. यह बात कोई नहीं जानता कि अल्वारो ने कैंसर से जंग जीती है. वह एक कैंसर पैशेंट रह चुके हैं. साल 2011 में अल्वारों को पता चला था कि उनके लेफ्ट पैर में कैंसर ट्यूमर है. कैंसर का पता चलते ही उन्होंने तुरंत इलाज कराया और अब वह बिल्कुल ठीक हैं.
इंग्लिश साइट द ऑब्सर्वर को दिए साल 2016 के इंटरव्यू में अल्वारो ने अपने उन दिनों को याद किया था जब वह कैंसर से जूझ रहे थे. अल्वारो ने कहा था- मुझे आज भी याद है कि जब डॉक्टर सफेद कोट पहने और गले में स्टेथोस्कोप डाले बिना एनेस्थीसिया के साथ मुझे कैंसर के बारे में बताने आया था. उन्होंने कहा था- देखिए, यह आपके साथ हो रहा है और आपके पास जीने के लिए कुछ ही समय बचा है.
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इस दौरान अल्वारो ने यह खुलासा भी किया था कि उन्होंने अपने ट्यूमर को बहुत ही अस्थायी समझा था. उन्हें लगा था कि अन्य बीमारियों की तरह यह भी एकदम ठीक हो जाएगा. अल्वारो कहते हैं- उदाहरण के लिए, एक फ्लू की बात करें तो इसमें आपको बुरा लगता है, आपको बुखार आता है, कंपकंपी चढ़ती है, लेकिन आप जानते हैं कि यह आपके साथ होगा. आप इसके बारे में कभी बात नहीं करते हैं. जब कैंसर के बारे में पता चला, तो इसके बारे में बात हो रही थीं. मुझे यह एहसास हो गया था कि मेरे बचने की संभावना बहुत कम है. मैं सोचने लगा था कि मैं कुछ महीनों में ही मर जाऊंगा.
एक अन्य इंटरव्यू में प्रोफेसर उर्फ अल्वारो ने कहा था कि कैंसर के पता चलने के बाद उनके दिमाग में सबसे पहली बात मरने की ही आई थी. उन्होंने सोचा था कि वह मरने वाले हैं. उन्हें लगा कि उनका पैर काट दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुए. अल्वारो कहते हैं- फिर मैंने सोचा, अगर मैं तीन महीने के भीतर मर गया, तो क्या मैं शांति से जी सकता हूं? क्या मैंने अपने आसपास के लोगों का सम्मान किया है जो मुझसे प्यार करते हैं? क्या मैं अपने सिद्धांतों के प्रति वफादार रहा हूं? यह सब उस समय अल्वारो के दिमाग में चलता रहता था.
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अल्वारो ने अपने कैंसर का ठीक तरह से इलाज कराया और वह जल्द ही कैंसर को मात देने में कामयाब हो गए. कैंसर की जंग ने अल्वारो को एक सर्वाइवर के रूप में काफी मजबूत बनाया. अल्वारो कहते हैं कि इस बीमारी ने जिंदगी की तरफ देखने का उनका नजरिया ही बदल डाला. वह कहते हैं कि इसने मुझे इस पल को अच्छे से जीने का आनंद दिया.
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