भोपाल। हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital) में आग मासूमों की जिंदगी छीनने पर आतुर थी। धुएं के गुबार में फंसे मासूमों की सांसें उखड़ रही थी। लेकिन स्टाफ के कुछ लोग नौनिहालों मौत के सामने देवदूत बनकर खड़े हो गए। अंधेरे और जहरीले धुंए के बीच जब तक बच्चों को बचाते रहे।
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आग की लपटों से बचा लिया बच्चे को
शिशु रोग विभाग की स्टाफ नर्स राजेश राजा बुंदेला सबसे पहले मासूमों को बचाने आगे दौड़ीं। वे उसी वार्मर के पास खड़ी थीं जिसमें सबसे पहले आग लगी और लपटें उठने लगीं। वे आगे बढ़ीं और बच्चों को उठा लिया। उन्होंने बताया कि मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था बस मैं किसी तरह बच्चों को बचाना चाहती थी।
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दो बच्चों को सुरक्षित बाहर छोडऩे के बाद भी नर्स बुंदेला रुकी नहीं. वे अपनी जान दांव पर लगाते हुए फिर धुएं से भरे वार्ड में आ गईं और उन्य बच्चों को भी उठाया। इसी बीच में वे बेहोश हो गईं लेकिन तब तक उन्होंने अनेक बच्चों को मौत के मुंह में जाने से बचा लिया था. स्टाफ ने नर्स के इस जज्बे की खूब प्रशंसा की.
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स्टाफ नर्स उर्मिला मरकाम वार्ड के नर्सिंग स्टेशन में थीं। वेंटीलेटर से तेज आवाज आई और धुआं भर गया। धुआं देखते ही डॉक्टर को आवाज लगाई और अग्निशमन यंत्र की ओर दौड़ी। डॉक्टर आग बुझाने लगीं। मैं बच्चों को वार्मर से उठाकर दूसरे वार्ड में शिफ्ट करती रही। इस दौरान में बेहोश हो कर गिर गई।
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