भोपाल। माध्यमिक शिक्षा मंडल (Board of Secondary Education) ने अपनी 10वीं और 12वीं कक्षाओं की बोर्ड परीक्षाओं की तारीखों का ऐलान कर दिया है। 10वीं की परीक्षाएं 18 फरवरी तो 12वीं की 17 फरवरी से शुरू होंगी। जानकारों के मुताबिक मंडल के 62 साल के इतिहास में संभवतः पहली बार बोर्ड परीक्षाएं इतनी जल्दी हो रही हैं। होली से एक हफ्ते पहले ही 12 मार्च तक परीक्षाएं हो जाएंगी। अब तक मार्च में परीक्षाएं होती रही हैं।
लेकिन पिछले साल कोरोना संक्रमण के कारण परीक्षाएं टाल कर सभी को बिना एग्जाम पास कर दिया गया था। सोमवार को जारी मंडल के आदेश के मुताबिक फरवरी में तेज ठंड पड़ने का अनुमान है। इसलिए पहली बार पेपर का समय बदला गया है। इस बार सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक पेपर होंगे। पहले ये सुबह 9 बजे से होते थे। प्रदेश में अब तक 10वीं के लिए 10.25 लाख तो 12वीं के लिए 7.25 लाख फॉर्म भरे जा चुके हैं।
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पुराना पैटर्न: मार्च के शुरुआती हफ्ते के पहले वर्किंग-डे से शुरू होती थी परीक्षा
शैक्षणिक मामलों के जानकार रमाकांत पांडे के मुताबिक एमपी बोर्ड ने परीक्षा को लेकर यह पैटर्न बना रखा था कि मार्च के पहले हफ्ते के पहले वर्किंग-डे को पहला पेपर रखकर परीक्षाएं शुरू की जाएं। इस बार यह पैटर्न बदला गया। पिछले साल कोरोना की दूसरी लहर के कारण परीक्षा नहीं ली गई थीं। उससे पहले 2019 में लॉकडाउन के कारण बाद के कुछ पेपर नहीं लिए गए थे।
बोर्ड परीक्षाओं में बड़े बदलाव
- 25 नंबर के बजाय इस बार 40 नंबर के | वैकल्पिक प्रश्न पूछे जाएंगे। पासिंग मार्क लाने वाले स्टूडेंट्स सिर्फ वैकल्पिक प्रश्न हल करके पास हो सकते हैं।
- प्रैक्टिकल एग्जाम की अवधि 15 दिन की जगह 40 दिन होगी। यह बड़ी राहत है।
- जल्दी परीक्षा के कारण सिलेबस 25 फ़ीसदी कम किया।
- रेगुलर स्टूडेंट्स के प्रैक्टिकल एग्जाम 12 फरवरी से 25 फरवरी तक होंगे।
- प्राइवेट स्टूडेंट के प्रैक्टिकल एग्जाम 17 फरवरी से 25 फरवरी तक लिए जाएंगे।
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आदेश वापस… इस शिक्षण सत्र में सभी तरह की फीस ले सकेंगे निजी स्कूल
प्रदेश के निजी स्कूल इस शिक्षण सत्र 2021-22 में ट्यूशन फीस के साथ- साथ सभी तरह के शुल्क ले सकेंगे। राज्य सरकार ने 8 जुलाई को सिर्फ ट्यूशन फीस लेने का जो आदेश जारी किया था, वो सोमवार को वापस ले लिया है। स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव ने द्वारा जारी नए आदेश में सुप्रीम कोर्ट के 3 मई के फैसले का जिक्र है। बता दें कि कोरोना काल के पहले तक निजी स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा एनुअल, एक्टिविटी, कंप्यूटर, लाइबेरी, एग्जाम फीस भी लेते थे। विभाग ने जब सिर्फ ट्यूशन फीस लेने का सर्कुलर जारी किया तो एसोसिएशन ऑफ अन एडेड प्राइवेट स्कूल्स ने अगस्त में इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर 9 नवंबर को सुनवाई हुई। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के 3 मई 2021 के एक फैसले को आधार बनाया था। इसमें कहा गया था कि निजी स्कूल सत्र 2020-21 के लिए 85% और 2021-22 के लिए सामान्य फीस ले सकेंगे।
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सालभर की फीस दी हो फिर भी बाकी फीस देनी पड़ेगी
एसोसिएशन के उपाध्यक्ष विनिराज मोदी ने बताया कि यदि आपने इस सत्र में सालभर की ट्यूशन फीस भर दी है तो भी बाकी फीस अब देनी पड़ेगी। साल भर में जिस सुविधा का जब से, जितना उपयोग किया जाएगा तब से ही फीस देनी होगी।
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