रीवा। जिला पुरातत्व संग्रहालय में पिछले आठ वर्षों से संग्रहाध्यक्ष का पद रिक्त है। इतना ही नहीं मार्गदर्शक का पद भी इतने ही वर्षों से खाली है। जिससे संग्रहालय की मरम्मत और नये निर्माण कार्य रुके हुए हैं। नई प्राचीन मांगों को खोज भी नहीं हो पा रही है। बताया गया है कि पूर्व में यहां पीसी महोबिया संग्रहाध्यक्ष के पद पर थे। जिनका स्थानांतरण सतना जिले के राम्रवन संग्रहालय के लिये कर दिया गया जिससे रीवा में संग्रहाध्यक्ष का पद रिक्त हो गया।
महोबिया के संग्रहाध्यक्ष बनने के बाद पुरातत्व संग्रहालय में मार्गदर्शक का पद भी रिक्त हो गया। लगभग आठ वर्ष हो चुके हैं और संग्रहाध्यक्ष के यह दोनों महत्वपूर्ण पद खाली हैं। बताया गया है कि कई वर्षों से रीवा जिले में नये प्राचीन स्मारकों की खोज नहीं हुई है। पुरातात्विक महत्व के जितने भी प्राचीन स्मारकों की खोज हुई थी, वह दस वर्ष से ज्यादा पुराने हैं। जबकि रीवा जिले में कल्चुरी काल और उसके पहले के पुरावशेष भरे पड़े हैं। लेकिन सर्वे न होने की वजह से यह पुरावशेष और प्राचीन स्मारक लोगों के सामने नहीं आ पा रहे हैं।
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जबलपुर से संचालित हो रहा कार्यालय
रीवा का पुरातत्व विभाग जबलपुर से संचालित हो रहा है। पुरातत्व विभाग का सुधार उप संचालक जबलपुर के पास है। काम की अधिकता की वजह से उप संचालक रीवा नहीं आ रहे हैं। उप संचालक का स्थानांतरण जबलपुर से ग्वालियर के लिये हो गया है। उनके स्थान पर नये उप संचालक आ गए है जिनका रीव दौरा अभी तक नहीं हुआ है। सूत्रों की मानें तो कार्यालयीन कामकाज के लिए रीवा से कर्मचारियों को जबलपुर बुलाया जाता है।
लंबित है निर्माण कार्य
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पुरातत्व संग्रहालय में मरम्मत कार्य होने थे। साथ ही सुरंग को खेलने की तैयारी की गई थी इसके लिये प्रस्ताव भी मुख्यालय को भेजा गया था। लेकिन अधिकारियों के न होने की वजह से निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं हो पाए। हैं। संग्रालय के अंदर चंद-तारे सहित दीवार और दरवाजों को दुरुस्त किय “जाना था। यह काम अभी अटका हुआ है।
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