वैक्सीन पर भारत के इस प्रस्ताव के समर्थन में WHO, चीफ साइंटिस्ट ने कहा- ‘ये मुनाफे के बारे में सोचने का वक्त नहीं’

वैक्सीन पर भारत के इस प्रस्ताव के समर्थन में WHO, चीफ साइंटिस्ट ने कहा- ‘ये मुनाफे के बारे में सोचने का वक्त नहीं’

 

वैक्सीन पर भारत के इस प्रस्ताव के समर्थन में WHO, चीफ साइंटिस्ट ने कहा- 'ये मुनाफे के बारे में सोचने का वक्त नहीं'
WHO साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन (File Photo)

 

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विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथ ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन इस बात में मजबूती से विश्वास करता है कि वैक्सीन पर व्यापार संबंधी अधिकार, TRIPS को हटाया जाना चाहिए. स्वामीनाथन ने कहा कि ‘भारत और दक्षिण अफ्रीका के ट्रिप्स हटाने के प्रस्ताव का WHO समर्न करता है और मानता है कि इसमें छूट दी जानी चाहिए. विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रमुख टेड्रोस इस बारे में पहले कई बार बात कर चुके हैं. ये मुनाफे और पेटेंट की चिंता करने का वक्त नहीं है.’

 

पिछले साल अक्टूबर में भारत और दक्षिण अफ्रीका ने विश्व व्यापार संगठन के 57 सदस्यों के साथ COVID-19 की रोकथाम और उपचार के लिए TRIPS समझौते के कुछ प्रावधानों में छूट का प्रस्ताव रखा था. हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि इस मामले में बातचीत में काफी वक्त लग सकता है. स्वामीनाथन ने कहा कि वैक्सीन को बनाने में लंबा समय लगेगा. पेटेंट लागू नहीं होने तक कंपनियों को इससे सीखने का समय मिलेगा.

 

वैक्सीनेशन एकमात्र हथियार

स्वामीनाथन ने जोर देकर कहा कि इस महामारी का मुकाबला करने का एकमात्र अधिकार है बड़े लेवल पर वैक्सीनेशन करना, जो इससे पहले कभी नहीं हुआ. इसके लिए COVID-19 के खिलाफ वैश्विक प्रयासों को मजबूत करने और नई टेक्नोलॉजी और प्रभावी टूल्स का निर्माण जरूरी है. कब तक ट्रिप्स के प्रावधानो में छूट मिल सकती है इसको लेकर कोई समय सीमा स्वामीनाथन ने तय नहीं की.

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हमारी रणनीति सहयोग की होनी चाहिए

उन्होंने कहा कि अगर कोई कंपनी वैक्सीन बनाने से संबंधित कोई जानकारी और अपना स्पेशलाइजेशन अपनी इच्छा के मुताबिक शेयर करती है तो इसके लिए इंतजार की जरूरत है. ये छूट के प्रावधान किसी को रोकने के लिए नहीं हैं. उन्होंने कहा कि महामारी के खिलाफ हमारी रणनीति वैश्विक एकता और सहयोग की होनी चाहिए.

 

इस वक्त सप्लाई का सही इस्तेमाल जरूरी

बड़े स्तर पर टीकाकरण से सप्लाई कम हो सकती है ऐसे में हमें मौजूदा सप्लाई का इस्तेमाल अपने दिमाग से करना है. जिससे उन लोगों को पहले वैक्सीन उपलब्ध कराई जा सके, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीफ साइंटिस्ट ने कहा कि भारत में महामारी की दूसरी लहर देश के हेल्थ स्ट्रक्चर को बुरी तरह प्रभावित कर रही है.

 

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