Haridwar Mahakumbh

केंद्र सरकार ने 700 करोड़ रुपए Haridwar Mahakumbh के लिए दिए

Haridwar Mahakumbh

देहरादून। उत्तराखंड (Uttarakhand) के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने गुरुवार को कहा कि केंद्र ने महाकुंभ (Mahakumbh) की विभिन्न विकास योजनाओं के लिए 700 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए हैं। केंद्र से मिले इस सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समय पर योजना के साथ प्रस्ताव रखने के कारण राज्य को केंद्र से यह धनराशि मिली है।

उन्होंने कहा कि इसमें से 375 करोड़ रुपए कल रात ही मिले हैं और आज की तारीख तक केंद्र से 700 करोड़ रुपए की राशि मिल चुकी है। मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन माध्यम से बातचीत करते हुए बताया कि इसमें नमामि गंगे परियोजना के तहत सफाई व्यवस्था के लिए 58 करोड रुपए उपलब्ध कराए गए हैं जिसके तहत 11800 अस्थाई शौचालय एवं 6674 अस्थाई मूत्रालयों की स्थापना की गई है।

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उन्होंने बताया कि नमामि गंगे के तहत ही सुंदर कुंभ मेला के लिए एक करोड़ रुपए तथा 78 चेंजिंग रूम के लिए 50 लाख रुपए दिए गए हैं। महाकुंभ (Mahakumbh) को आस्था का विषय बताते हुए रावत ने कहा कि 12 साल में एक बार होने वाले इस धार्मिक आयोजन के दौरान कोई सख्ती या गैरजरूरी रोकटोक नहीं की जाएगी और सबको स्नान करने दिया जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि कोविड-19 (Covid-19) से बचाव के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ क्षेत्र की सीमाओं पर मास्क, सैनिटाइजर आदि की व्यवस्था की गई है जिससे कोविड के प्रसार को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में होने वाले शाही स्नानों में श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में आने की संभावना के मद्देनजर और अच्छी व्यवस्था की जाएगी।

महाकुंभ मेले में किए गए स्वास्थ्य इंतजामों के बारे में बताते हुए रावत ने कहा कि डेढ़ सौ बिस्तर वाले अस्पताल की स्थापना की गई है, जबकि उत्तर प्रदेश से भी डॉक्टर, नर्स एवं अन्य मेडिकल स्टाफ की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि 463 बिस्तरों की क्षमता के 39 अस्थाई चिकित्सालयों के लिए उपकरण, दवाइयां, मक्खी- मच्छर नियंत्रण एवं अस्थाई कार्मिकों, श्रमिकों की व्यवस्था भी की गई है।

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उन्होंने कहा कि महाकुंभ में भीड़ प्रबंधन पर खास ध्यान दिया गया है और भीड़ नियंत्रण एवं सुरक्षा हेतु 17.34 करोड रुपए की लागत से पुलिस निगरानी प्रणाली की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को कुंभ क्षेत्र की सीमाओं से स्नान घाटों तक पहुंचाने और स्नान के बाद वापस वहीं छोड़ने के लिए बसों की संख्या को चौगुना कर दिया गया है।

रावत ने कहा कि श्रद्धालुओं के अलावा साधु-संतों के लिए भी महाकुंभ में अच्छी व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि पिछले शाही स्नान में पहली बार कुंभ के दौरान हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई, जिससे साधु-संत बहुत प्रसन्न हैं, जबकि संतों की जरूरत के हिसाब से उन्हें कुंभ क्षेत्र में जमीनें भी आवंटित की गई हैं।

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उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित अमृत महोत्सव के लिए उन्होंने अधिकारियों को 75 दिन के कार्यक्रमों का एक कैलेंडर बनाने को कहा है, जिसमें जिला स्तर तक कार्यक्रम आयोजित होंगे।

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