Rewa News: गली मोहल्ले में खुल गए बारात घर, नियमों का पालन नहीं करा पा है रहा नगर निगम

Rewa News: गली मोहल्ले में खुल गए बारात घर, नियमों का पालन नहीं करा पा है रहा नगर निगम

Rewa News: गली मोहल्ले में खुल गए बारात घर, नियमों का पालन नहीं करा पा है रहा नगर निगम

रीवा। शहर के अधिकांश बारात घर नियम कायदों को ताक पर रख कर संचालित हो रहे हैं। नियम है कि बारात घर के सामने की सड़क की चौड़ाई कम से कम 40 फीट होना चाहिए। इधर रीवा में स्थिति है कि गली मोहल्ले में बारात घर खुले हैं, जिनकी अधिकतम चौड़ाई 20 से 25 फीट है। अगर, केवल इस नियम का पालन कर दिया जाए, तो 80 प्रतिशत बारात घरों में ताला लग जाएगा। लेकिन, हैरान करने वाली बात ये है कि नगर निगम अपनी ही गाइड लाइन को पालन करने को लेकर गंभीर नहीं है। जिसके चलते बारात घरों का संचालन मनमानी पूर्वक हो रहा है।

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पहले अवैध घोषित हो चुके हैं बारात घर

बारातघरों के लिए पूर्व की जो शर्तें थी, उनके तहत दो वर्ष पहले नगर निगम ने हाईकोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत किया था। जिसमें निगम ने कहा था कि जो बारात घर अवैध हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। बाद में ऐसे बारात घरों को अवैध घोषित भी किया गया था। लेकिन, समय के साथ ये मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

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बारातघरों के लिए मापदंड

  • सड़क की चौड़ाई न्यूनतम 40 फीट अनिवार्य है। सामुदायिक केन्द्रों के लिए यह चौड़ाई 20 फीट की होगी।
  • भोजन बनाने वाले जगह की पर्याप्त व्यवस्था, पार्क, विद्युत कनेक्शन, जनरेटर, आतिशबाजी के स्थन का इंतजाम
  • भवन क्षमता के अनुसार अग्रिशमन यंत्रों की व्यवस्था
  • कचरा संधारण एवं गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था
  • बिजली, पानी तथा इमरजेंसी लाइट की पर्याप्त व्यवस्था
  • वाटर हार्वेस्टिंग की पर्याप्त व्यवस्था।
  • महिला-पुरुषों के लिए पर्याप्त शौचालय की व्यवस्थ
  • परिसर में आने और जाने के दो रास्ते अनिवार्य होंगे, एक रास्ते वालों का आवेदन स्वीकार नहीं होगा।
  • वाहन पार्किंग व्यवस्था कुल क्षेत्रफल के कम से कम 25 प्रतिशत हिस्से में अनिवार्य
  • विवाह स्थल पर यातायात को बाधित होने से रोकने के लिए निर्धारित संख्या में सुरक्षा गार्ड

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दो साल पहले 54 बारातघर हुए थे चिन्हित

बताया जाता है कि करीब दो साल पहले नगर निगम ने सर्वे करते हुए शहर में संचालित बारात घरों को चिन्हित किया था। इस दौरान 54 बारात घर चिन्हित किए गए थे। निगम से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि वर्तमान में एक सैकड़ा के करीब बारात घर संचालित हो रहे हैं। इनमें कई ऐसे हैं, जिन्होंने नगर निगम से किसी प्रकार की अनुमति तक नहीं ली है। वे अपने स्तर पर ही नियमों को ताक पर रख संचालित हो रहे हैं।

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