इंदौर में 80 लाख रुपये के राशन घोटाले में एसआईटी का गठन मामले में विस्तृत जांच अब एसआईटी द्वारा की जाएगी। कलेक्टर मनीष सिंह ने मामले का खुलासा करते हुए आगे की जांच पुलिस को सौंपी है। जांच में पुलिस उन व्यापारियों का पता लगाएगी जो राशन खरीद कर बाजार में महंगे दामों पर बेचते थे। वही कल सुबह मोती तबेला स्थित प्रमुख आरोपी श्माम दवे के ऑफिस पर रिमूवल की कार्रवाई होगी
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कलेक्टर ने पकड़ा घोटाला: इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने करोड़ो का राशन घोटाला पकड़ा है। इसमें 12 राशन की दुकानों से लगभग 51 हजार गरीब परिवारों का राशन बरामद किया गया है। आरोप है कि कुछ नेताओं के संरक्षण में इन राशन माफियाओं ने ये बड़ा घोटाला किया है। इस मामले में इंदौर के फूड कंट्रोलर आरसी मीणा को सस्पेंड कर दिया गया है। आरोपियों के खिलाफ अलग अलग दस थानों में मामले दर्ज किए जाएंगे।
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कलेक्टर का कहना है कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 5/7 आईपीसी, 420 और राशन में अमानत में खयानत की धारा 409 और 120 बी के तहत मामला दर्ज होगा। साथ ही उन्होंने बताया कि तीन प्रमुख आरोपी भरत दवे, श्याम दवे, प्रमोद दहिगुडे के खिलाफ रासुका की कार्रवाई की जाएगी।
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बताया जा रहा है कि भरत दवे द्वारा अस्सी लाख का गबन सामने आया है। वह न सिर्फ इंदौर बल्कि प्रदेश के कई जिलों में गरीबों के राशन की कालाबाजारी करता था। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तारी के बाद उसकी संपत्ति कुर्क कर राशि वसूली जाएगी। जिन व्यापारियों ने इन लोगों से खाद्यान्न खरीदा है उनको भी आरोपी बनाया जाएगा। कुल 31 लोगों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।