मुरैना। पहले तो बस संचालकों के साथ परिवहन विभाग की बैठक करके सुरक्षा कारणों से ओवरलोडिंग पर रोक पर चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही फास्टैग अनिवार्य रूप से लगवाने के निर्देश भी दिए जाएंगे। यदि फास्टैग के अभाव में टोल प्लाजा पर बस न निकल पाने की वजह से जाम लगता है तो उसके परमिट निरस्त करने पर भी विचार किया जा सकता है। टोल प्लाजा से बचने के लिए वैकल्पिक मार्गों से वाहनों का निकलना बंद कराने के लिए कम ऊंचाई के स्थाई बैरियर लगाने पर भी विचार किया जा रहा है।
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सिकरौदा नहर से सबलगढ़ तक भारी यात्री वाहनों का संचालन रोककर हल्के चार पहिया यात्री वाहनों के संचालन का प्रस्ताव भी शासन को भेजने की रणनीति पर विचार किया जा रहा है। कलेक्टर बी कार्तिकेयन, एसपी सुनील कुमार पांडेय व आरटीओ अर्चना परिहार सहित अन्य अधिकारियों ने मौका मुआयना भी किया। फिलहाल प्रस्ताव यही है कि सिकरौदा नहर रोड पर भारी यात्री बसों का संचालन पूरी तरह रोक दिया जाएगा। इसके लिए नहर रोड पर प्रमुख स्थानों लोहे के खंभों से स्थाई बैरियर भी बनाए जाएंगे। इनमें से टाटा मैजिक और इसी श्रेणी के छोटे चाहर पहिया वाहन और ट्रैक्टर ट्रॉलियां ही निकल पाएंगे।
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100 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से एबी रोड पर सिकरौदा नहर से सबलगढ़ तक करीब 70 किमी की सीसी रोड का निर्माण नहर की पटरी पर कराया गया है। जबकि वास्तव में यह सड़क नहर के किनारे बननी थी। लेकिन बताया गया है कि सरकारी जमीन पर लोगों ने करीब 100 फीट तक चौड़ाई में कई जगह कब्जा कर लिया है। इसलिए सड़क नहर की पटरी पर बनवा दी गई। जबकि जल संसाधन विभाग का कहना है कि नहर की पटरी उनके वाहनों के पेट्रोलिंग आदि के लिए है।
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छौंदा टोल प्लाजा पर कलेक्टर कार्तिकेयन और एसपी पांडे ने फास्टैग वाले वाहनों के पास होने में लगने वाले समय का अध्ययन किया। प्रबंधन ने 20 सेकंड के भीतर वाहन पास हो जाने का दावा किया था, लेकिन व्यावहारिक रूप से औसतन २ मिनट तक का समय एक वाहन के पास होने में लग रहा था। कलेक्टर ने व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए। वहीं नकद जमा करवाकर निकलने वाले वाहनों और खास तौर छोटे चार पहिया वाहनों के लिए अलग से एक और कतार बनाने के निर्देश भी दिए गए।