भिलाई। जिला में कोरोना वायरस (Corona Virus) ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। शवगृह में अब लाश रखने की जगह तक कम पड़ रही है। दुर्ग के पोस्ट मार्टम सेंटर में वह नजारा भी देखने को मिला, जिसको देखकर लोगों की रुह कांप उठे। शव को लेकर पहुंचे परिजन यह कल्पना भी नहीं किए थे कि उनके रिश्तेदार की लाश को जमीन पर रख दिया जाएगा। पहले यह नजारा देख वे भड़क गए। कहने लगे कि फ्रिजर में शव को रखो, तब तक यहां के जिम्मेदार ने उन्हें समझाया कि फ्रिजर में जितनी क्षमता है, उससे अधिक शव यहां पहुंच चुका है। तब मजबूरी में वे शव को इस तरह से जमीन में रख रहे हैं। जैसे ही फ्रिजर खाली होगा उसे वे शिफ्ट कर देंगे। तब नम आंखों के साथ परिजन यहां से लौटे।
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जिला अस्पताल दुर्ग (District Hospital Durg) और कोविड केयर सेंटर (Covid Care Center), कचांदुर से जिला अस्पताल के चीरघर में जल्दी-जल्दी शव पहुंचने लगे। जिससे उनको रखने में दिक्कत होने लगी। वाहन से शव को भेजने के साथ-साथ नोडल अधिकारियों को ध्यान देना था कि जहां अंतिम संस्कार किया जाना है, वहां व्यवस्था हो गई है। एक-एक कर शव पहुंचने लगे और देखते ही देखते फ्रिजर में जगह ही नहीं रह गई। चीरघर से कितना जगह शेष है पूछे बिना ही नोडल अधिकारी और शव भेजते जा रहे थे। जिससे यहां हालात बिगडऩे लगे। निजी अस्पतालों से शव को सीधे मुक्तिधाम के लिए रवाना किया जाता है। वहां से इस तरह की शिकायत कम ही मिलती है।
चीरघर में गुरुवार की दोपहर में 3 सामान्य और 14 कोरोना संक्रमितों (Corona infected) का शव पहुंचा। जिसमें से सामान्य शव को पीएम के बाद चिकित्सकों ने परिवार के हाथ में सौंप दिया। वे शव लेकर रवाना हो गए। अब संक्रमित शवों को रखने जगह कम पड़ गई। फ्रिजर में आठ शव रख दिए, इसके बाद चार शव को स्टेचर में रखे। इसके बाद जगह नहीं बचा दो बाद में आने वाले शव को नीचे रखना पड़ा। इस बात को लेकर परिवार के सदस्य नाराज हो रहे थे। तब उन्हें मजबूरी बताए। वे अंत में मान गए।
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जिला प्रशासन ने अलग-अलग स्थान के लिए नोडल अधिकारी तय कर दिए हैं। मॉनिटरिंग सही तरीके से हो नहीं रही है। स्वास्थ्य कर्मचारी खुद बता रहे हैं कि जो काम कर रहा है नोडल अधिकारी उन पर ही जिम्मेदारी बढ़ा रहे हैं। कर्मियों की कहां कमी है, उसे दूर करने कोई पहल नहीं की जा रही है। मॉनिटरिंग अगर सही से हो तो केवल जिला अस्पताल से शव को चीरघर तक नहीं, वहां से मुक्तिधाम तक लेकर जाने भी व्यवस्था वहां के अधिकारी करवा सकते हैं।
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में जब दुर्ग जिला कोरोना के मामले में सबसे अव्वल हो चुका है, तब जिला के जिम्मेदार अधिकारी सुबह से शाम तक फाइल में दस्तखत करने में व्यस्त हैं। बिल पास कराने के काम से उनको फुर्सत नहीं मिल रही है। वर्तमान में जरूरत कोरोना जांच किया जा रहा है, वहां क्या हालात है वह देखने का है। अधिकारी अपने-अपने चेंबर में बैठे हैं। टीकाकरण का काम देखने जरूर सुबह से जिला टिकाकरण अधिकारी निकल जाते हैं। शेष अधिकारी फिल्ड से गायब हैं। कोरोना जांच कराने के सेंटर में कई लोग घंटों कतार लगाए-लगाए चक्कर आने से गिर रहे हैं, उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
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