बिहार: एक एयर होस्टेस दुल्हनिया घोड़े पर सवार होकर पहुंची दूल्हे के घर

बिहार: एक एयर होस्टेस दुल्हनिया घोड़े पर सवार होकर पहुंची दूल्हे के घर

बिहार: एक एयर होस्टेस दुल्हनिया घोड़े पर सवार होकर पहुंची दूल्हे के घर

बेटी भी घोड़ी चढ़ बारात निकाल सकती है. इस परिपाटी की शुरुआत गया में मंगलवार को एयर होस्टेस अनुष्का ने की. अनुष्का कहती हैं कि हमारा समाज पुरुष प्रधान है. मैं यह संदेश देना चाहती हूं कि आज हम लड़कियां सभी काम करने में समर्थ हैं, सशक्त हैं, जिसे पहले परंपरा के नाम पर नहीं करती थीं. दूल्हा जीत मुखर्जी कोलकाता का है. वह रिस्क मैनेजमेंट का बिजनेस करता है. उसके परिवार ने लड़की की इच्छा का सम्मान किया और बारात लेकर आने की अनुमति दी.

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बिहार के गया में एक बारात ऐसी निकली जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया. आमतौर पर दूल्हा घोड़ी पर चढ़कर दुल्हन को लेने ससुराल पहुंचता है. लेकिन यहां पर दुल्हन बैंड बाजों के साथ घोड़ी पर सवार होकर दूल्हे के घर पहुंची. फिर दूल्हा घोड़ी पर सवार अपनी दुल्हन के पीछे कार में बैठकर शादी के मंडप में पहुंचा. इस अनोखी बारात का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. दूल्हे को लाने के लिए दुल्हनिया को घोड़े पर निकलते हुए देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. यह शादी इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है.

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घोड़ी पर सवार होकर दुल्हन आई

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वीडियो में साफ दिखाई दे रहा कि घोड़ी पर बैठकर दुल्हन अपनी शादी को खूब इंज्वॉय कर रही है. बारात जब गया के सिजुआर स्टेट पहुंची तो दुल्हन ने घोड़ी से उतर जबरदस्त डांस किया और सीटी बजाई. दुल्हन अनुष्का गुहा पेशे से एक एयर लाइंस में सीनियर एयर होस्टेस हैं और दूल्हा कोलकाता में बड़ा बिजनेसमैन. शादी के सभी विधि-विधान सिजुआर स्टेट की धर्मशाला में हुए. शादी में शामिल सभी मेहमानों ने जमकर मस्ती की और वर- वधू को नए जीवन के लिए आशीर्वाद दिया.

दुल्हन ने घोड़ी से उतर जबरदस्त डांस किया

गया के चांद चौरा इलाके की रहने वाली दुल्हन अनुष्का ने बताया कि वो समाज में यह संदेश देना चाहती हैं कि लड़कियां अपने परिवार पर बोझ नहीं होती हैं. जब बेटे शादी अपने अनुसार कर सकते हैं तो बेटियां क्यों नहीं कर सकती हैं. वहीं दूल्हे जिपोकज ने बताया कि बेटे और बेटियों के अंतर को खत्म करने के उद्देश्य से हमने ऐसा किया. भारत में आमतौर पर लड़कियों के जन्म लेने पर उन्हें मार दिया जाता. समाज मे इस अंतर को खत्म करने के लिए एक छोटी सी कोशिश की है.

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समाज में समानता लाने का किया प्रयास

वहीं बेटी की बारात पर मां सुष्मिता बोस का कहना है कि बेटा और बेटी में कोई अंतर नहीं है. समाज में जितना बेटों का अधिकार है, उतना ही अधिकार बेटियों का भी है. शादी से पहली ही उनकी बेटी ने घोड़ी पर अपनी बारात निकालने की प्लानिंग कर ली थी हमने सिर्फ इसमें अपनी रजामंदी दी है. दुल्हन की मां एक निजी स्कूल में म्यूजिक टीचर है तो पिता की दवा की दुकान है.

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