रीवा। शासन द्वारा आम जन के लिए योजनाएं तो चलाई जाती हैं, लेकिन शासन की योजनाएं आम जन को राहत पहुंचा पाए ऐसा कम ही देखने को मिलता है। इसी परिप्रेक्ष्य में पैर में चोट लगने से परेशान वृद्धा सुंदी कोल 77 वर्ष को समय पर एंबुलेंस की सेवा न मिलने के कारण पिकप वाहन में लाना पड़ा।
स्थिति यह रही कि वाहन के अंदर बैठने में असमर्थ वृद्धा को वाहन के अंदर खटिया में लेटा कर अस्पताल लाने की व्यवस्था की गई। खराब सड़क जामं, धूल और बीमारी से परेशान महिला किस तरह से अस्पताल पहुंची होगी इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
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फोन करने के बाद भी नही आई एंबुलेंस
वृद्धम के परिजनों ने बताया कि हमने 108 एंबुलेंस को फोन किया था। एंबुलेंस पहुंचने का आश्वासन भी हमें दिया गया। लेकिन जब काफी देर तक एंबुलेंस आई तो हमने फिर फोन किया। लेकिन फिर हमें आश्वासन मिला कि जल्द ही एंबुलेंस पहुंच जाएगी। लेकिन कई घंटो तक इंतजार करने के बाद भी जब एंबुलेंस नहीं आई तो हम मजबूरी में पिकप वाहन से ही वृद्धा को लेकर अस्पताल पहुंचे।
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जेलको हाथ में पकड़े दिखे परिजन
संजय गांधी अस्पताल (Sanjay Gandhi Hospital) पहुंचने के बाद भी मरीज और उनके परिजनों की परेशानी कम नहीं हुई। एसजीएमएच के आकस्मिक चिकित्सा विभाग पहुंचने के बाद यहां मरीज के परिजन हांथ में जेलको पकड़े दिखाई दिए। मरीज को न तो बेड ही दिया गया और न ही यह बताया गया कि वह किस वार्ड में जाए। आकस्मिक चिकित्सा कक्ष की गैलरी में जेलको लिए परिजन काफी देर तक खड़े रहे। एसजीएमएच के आकस्मिक चिकित्सा विभाग की जब यह स्थिति है तो अस्पताल की स्थिति क्या होगी इसका सहज ही. |अंदाजा लगाया जा सकता है।
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