नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) पर बुधवार को हमला हुआ। इस दौरान उनके पैर में चोट आई है। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ममता ने इसे विपक्ष की साजिश बताया है। इस मामले में स्थानीय चश्मदीदों के बयान भी सामने आए हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चश्मदीदों से बात की है और उनके बयान को सामने रखा गया है, जिन्होंने ममता पर हमले को लेकर टीएमसी के दावे को खारिज किया है।
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हालांकि पूरा सच जांच के बाद ही सामने आ सकेगा। मीडिया से बातचीत में चश्मदीद युवा छात्र सुमन मैती ने बताया कि सीएम जब यहां आईं तो पब्लिक ने उन्हें घेर लिया था। उसी समय उनकी गर्दन और पैर में चोट आई। उन्हें किसी धक्का नहीं दिया, उनकी कार चल रही थी। वहीं नंदीग्राम के बिरूलिया में मौके पर उपस्थित रहे एक दूसरे चश्मदीद चितरंजन दास का कहना है कि वे वहीं थे, मुख्यमंत्री अपनी कार में बैठी थीं, लेकिन दरवाजा खुला था। दरवाजा एक पोस्टर से टकराने पर बंद कर दिया गया। किसी ने धक्का नहीं दिया। कोई दरवाजे के पास नहीं था।
ममता का दावा- धक्का दिया
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वहीं ममता बनर्जी ने बुधवार को आरोप लगाया कि नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान ‘चार-पांच लोगों’ द्वारा कथित रूप से उन्हें धक्का दिया गया। इसकी वजह से उनके एक पैर में चोट लगी है। घटना शाम सवा छह बजे उस वक्त घटी जब बनर्जी रियापारा क्षेत्र में एक मंदिर में प्रार्थना के बाद बिरूलिया जाने वाली थीं। उन्होंने कहा, वे अपनी कार के बाहर खड़ी थी, जिसका दरवाजा खुला था। वे वहां से मंदिर में प्रार्थना कर रही थी। कुछ लोग मेरी कार के पास आए और दरवाजे को धक्का दिया। कार का दरवाजा मेरे पैर में लग गया।