बीजापुर। नक्सल प्रभावित तर्रेंम थाना क्षेत्र के जोन्नागुड़ा के जंगल में शनिवार दोपहर पुलिस व नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में पांच जवान शहीद हो गए। वहीं, 15 से अधिक जवान अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। मुठभेड़ के बाद अब तक 30 घायल जवानों को अस्पताल पहुंचाया गया। सात घायलों का इलाज रायपुर और 23 का बीजापुर (Bijapur) में चल रहा। सभी की स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है। दो शहीद जवानों के शव रिकवर कर लिए गए हैं। घटना स्थल के लिए भेजी गई बैकअप पार्टी कुछ देर में पहुंचेगी। बस्तर आईजी सुंदरराज ने जानकारी देते हुए बताया कि घटनास्थल के आसपास नक्सलियों के बटालियन की टीम के मौजूद होने का अभी भी है अंदेशा। बैकअप पार्टी सावधानी से आगे बढ़ रही है।
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पुलिस मुख्यालय ने पांच जवानों के शहादत की पुष्टि की है, जबकि बस्तर आइजी सुंदरराज पी ने कोबरा बटालियन के एक जवान की शहादत की बात स्वीकारी है। उन्होंने मौके से एक महिला नक्सली का शव बरामद होने की भी जानकारी दी है। साथ ही दावा किया है कि कम से कम 15 नक्सली मारे गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री ने घायल जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की। वहीं, सीएम भूपेश बघेल ने जवानों की शहादत पर दुख व्यक्त करते हुए उनके स्वजनों के प्रति संवेदना जताई है।
जिला मुख्यालय से करीब 75 किमी दूर तर्रेंम थाना क्षेत्र सिलगेर गांव के पास के जंगल में नक्सलियों की बटालियन नंबर एक के कमांडर दुर्दांत नक्सली हिड़मा की मौजूदगी की सूचना मिल रही थी। इस आधार पर शुक्रवार को डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड), सीआरपीएफ, एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) व कोबरा बटालियन की संयुक्त टीम रवाना की गई थी। इसमें तर्रेम से 760 जवान, उसूर से 200, पामेड़ से 195, सुकमा जिले के मिनपा से 483 व नरसापुरम से 420 जवानों को मिलाकर कुल 2059 जवान शामिल थे। शनिवार को सर्चिंग से वापसी के दौरान बीजापुर (Bijapur) के तर्रेम व सुकमा के सिलगेर के बीच जोन्नागुड़ा के जंगल में फोर्स की एक टुकड़ी को नक्सलियों ने एंबुश (चौतरफा घेर लेना) में फंसा लिया।
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बताया जा रहा है कि नक्सली पहाड़ पर थे जबकि फोर्स खुले मैदान में। अनुमान लगाया गया है कि मौके पर करीब ढाई सौ नक्सली मौजूद थे। उन्होंने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद जवानों ने भी मोर्चा संभाल लिया। दोपहर 12 बजे से करीब तीन घंटे तक दोनों ओर से लगातार फायरिंग होती रही। बता दें कि नक्सली इन दिनों टेक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन (टीसीओसी) चला रहे हैं। इसमें वे हर साल बड़ी वारदातों को अंजाम देते रहे हैं। नारायणपुर जिले में 23 मार्च को जवानों से भरी बस को विस्फोट कर नक्सलियों ने उड़ा दिया था। इसमें पांच जवान शहीद हुए थे। शनिवार को दस दिन के भीतर दूसरी बड़ी वारदात कर डाली।
मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि सुरक्षा बलों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। नक्सलियों के विरुद्ध और तेजी से अभियान चलाएंगे। उन्होंने घायलों को बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
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त्रिपुरा निवासी कोबरा बटालियन का जवान शहीद
मुठभेड़ में कोबरा बटालियन के एक, बस्तरिया बटालियन के दो व डीआरजी के दो जवान शहीद हुए हैं। इनमें दो नाम मिले हैं। इनमें मूलत: त्रिपुरा के विजय सागर पलती निवासी थामस पाल (35) और डीआरजी के समैया माड़वी शामिल हैं। महिला नक्सली की शिनाख्त नहीं हो पाई है।
हेलीकाप्टर व नौ एंबुलेंस भेजी गई
घायल जवानों को निकालने के लिए बीजापुर जिला मुख्यालय से वायुसेना के मिग-17 हेलीकाप्टर के साथ ही बैकअप पार्टी व नौ एंबुलेंस रवाना की गई थी। पुलिस के आला अधिकारी आपरेशन पर गए जवानों की वापसी का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद ही वस्तुस्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
मुठभेड़ में जवानों की शहादत हुई है। नक्सलियों को भी बड़ा नुकसान पहुंचा है। टीम अभी लौटी नहीं है। उसके पहुंचने पर ही वस्तुस्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
डीएम अवस्थी, डीजीपी
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