देश में सभी तरह की क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर प्रतिबंध लगेगा और रिजर्व बैंक डिजिटल करंसी जारी करेगा। सरकार इसके लिए संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर विधेयक पेश करने वाली है। हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में एक बैठक ली थी।
इसमें सहमति बनी थी कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का नियमन किया जाना चाहिए। 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक चलने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किए जाने वाले 26 विधेयकों में से एक क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित होगा। वापस लिए गए तीन कृषि कानूनों को रद्द करने संबंधी विधेयक भी इनमें शामिल है। विधेयक में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के निवेशक, डीलर एप डेवलपर, माइनिंग करने वाले समेत सभी संबंधित पक्ष आएंगे।
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क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की परिभाषा स्पष्ट होगी, यानी क्रिप्टो के दायरे में क्या होगा और क्या नहीं, इसमें स्पष्टता आएगी। इससे क्रिप्टो पर टैक्स और नियम-नियंत्रण संबंधी को लेकर भ्रम भी दूर होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी का वैधानिक दायरा तय होने से बाजार में स्थिरता आएगी और निवेशकों के हितों की भी सुरक्षा की जाएगी। हालांकि सरकार और रिजर्व बैंक ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि क्रिप्टो को किसी भी तरह से भुगतान प्रणाली का हिस्सा नहीं बनाया जाएगा।
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