भोपाल । IMD ने अगले 24 घंटे में मध्य प्रदेश के पांच जिलों में भारी बारिश होने से संबंधित येलो अलर्ट जारी किया है. IMD भोपाल कार्यालय के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी पी के साहा ने बताया कि मध्य प्रदेश के पांच जिलों-विदिशा, सागर, बैतूल, छिंदवाड़ा एवं बालाघाट में आगामी 24 घंटों में कहीं-कहीं पर भारी वर्षा होने की संभावना है जिसके लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. उन्होंने कहा कि यह अलर्ट रविवार सुबह से सोमवार सुबह तक रहेगा.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा भोपाल (Bhopal), जबलपुर (Jabalpur), रीवा (Rewa), शहडोल (Shahdol), होशंगाबाद (Hoshangabad), सागर (Sagar) एवं चंबल (Chambal) संभाग के जिलों आगामी 24 घंटों में कहीं-कहीं पर गरज के साथ बारिश होने की संभावना है.
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उधर विभाग ने कहा कि अगस्त में अब तक 26 प्रतिशत कम वर्षा होने और लगातार दो महीने में कम बारिश से इस साल मॉनसून की बारिश के औसत से नीचे रहने की आशंका है. IMD के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में बारिश सामान्य से सात फीसदी कम रही. IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया, ‘अगस्त में कल (28 अगस्त) तक बारिश में 26 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई.’ बारिश में यह कमी उत्तर और मध्य भारत में दर्ज की गई है. जून में 10 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई.
उन्होंने कहा कि IMD जल्द ही सितंबर के लिए पूर्वानुमान जारी करेगा. दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के एक जून से 30 सितंबर तक चार महीने के मौसम में लगातार दो महीनों में बारिश की कमी से इस साल सामान्य से कम मॉनसूनी बारिश की आशंका है. IMD ने पूर्व में इस साल सामान्य मॉनसून का अनुमान जताया था. मौसम का अनुमान जताने वाली निजी एजेंसी ‘स्काईमेट वेदर’ ने इस साल के अपने पूर्वानुमान को घटाकर ‘सामान्य से कम’ मॉनसून श्रेणी का कर दिया है.
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IMD के आंकड़ों के मुताबिक एक जून से 28 अगस्त के बीच देश में 10 फीसदी कम बारिश हुई. IMD ने अगस्त के लिए सामान्य वर्षा (दीर्घकालिक औसत का 94 से 106 प्रतिशत) का अनुमान जताया था, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि पूर्वानुमान सही नहीं होगा. IMD ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि 2021 के दक्षिण-पश्चिम मॉनसून मौसम के दूसरे हिस्से (अगस्त से सितंबर) के दौरान पूरे देश में बारिश सामान्य रहने की संभावना है.
कृषि मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों से पता चला है कि कुछ राज्यों में कम बारिश के कारण 2021-22 के खरीफ मौसम में धान की खेती का रकबा 1.23 प्रतिशत घटकर 388.56 लाख हेक्टेयर रह गया है. IMD के देश के विभिन्न हिस्सों को कवर करने वाले चार संभाग हैं. उत्तर-पश्चिमी भारत में सामान्य से 13 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई है. इस क्षेत्र में उत्तर भारतीय मैदानी इलाके और पर्वतीय राज्य आते हैं.
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मध्य भारत संभाग में 14 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. इस क्षेत्र में गुजरात (Gujarat), गोवा (Goa), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh), छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh), ओडिशा (Odisha) और महाराष्ट्र (Maharashtra) शामिल हैं. बिहार (Bihar), झारखंड (Jharkhand), पश्चिम बंगाल (West Bengal) और पूर्वोत्तर के राज्यों सहित पूर्वी और पूर्वोत्तर संभाग में वर्षा में आठ प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है, जबकि दक्षिणी राज्यों को कवर करने वाले दक्षिण संभाग में सामान्य से पांच फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई है.
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