ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बुलंद आवाज में दावा किया है कि मध्य प्रदेश में कहीं भी कोई बिजली कटौती नहीं हो रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जो विधायक यह कह रहे हैं कि 18-20 घंटे की बिजली कटौती हो रही है, वह बिजली कटौती का सबूत दे, मैं तत्काल कार्रवाई करूंगा। फिर चुपके से उन्होंने तमाम सारी समस्याएं बताते हुए स्वीकार किया कि बिजली सप्लाई नियमित रूप से नहीं की जा पा रही है।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि मांग और आपूर्ति में अंतर आ गया था। कोयले और कम बारिश से बहुत सारे बिजली संयंत्रों से उत्पादन कम हो गया। मांग और आपूर्ति के बीच 650 मेगावाट से लेकर 1300 मेगावाट बिजली का अंतर आ गया था। सोमवार को कहीं कटौती नहीं की गई है। दो-दो घंटे बिजली बंद कर निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित कर दी गई है।
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उन्होंने कहा कि जो विधायक कह रहे हैं कि 16 और 18 घंटे की बिजली कटौती की गई, वह सफेद झूठ है। सेंट्रल सेक्टर में बिजली की कमी है। एनटीपीसी ने बयान में बताया भी है। पीपीए में भी यह शर्त है कि मेंटनेंस के दौरान निजी क्षेत्र बिजली नहीं दे पाएगा।
ऊर्जा मंत्री ने स्वीकार किया कि बिजली कंपनियों ने अपनी इकाइयों का मेंटनेंस शेड्यूल पहले से ही भेजा हुआ था। लगभग 700 मेगावाट की कमी इस कारण आई। बांध खाली होने से 800 मेगावाट कम उत्पादन हो रहा है। 2,227 मेगावाट क्षमता की विभिन्न् इकाइयां मेंटेनेंस के कारण बंद हैं। (दरअसल, इसे मैनेजमेंट की कमी कहते हैं। यदि बांध खाली थे तो मेंटेनेंस का शेड्यूल बदल देना चाहिए था लेकिन नहीं बदला गया और ना ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई। बिजली कटौती क्या आरोप को खारिज करते हुए कहा कि बिजली बंद कर दी थी। बात तो एक ही है, जनता को बिजली नहीं मिली।)
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