इंदौर। इंदौर में एक 3 साल के बच्चे ने खेल-खेल में चुंबक निगल लिया। बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां सोमवार को एंडोस्कोपी के बाद बच्चे की मौत हो गई। परिजन का आरोप है कि एनेस्थीसिया के ओवरडोज के कारण बच्चे की मौत हुई है। परिजन ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई है।
परिजन का आरोप है कि बच्चा हंसते-हंसते ऑपरेशन थियेटर में गया था जहां उसके गले में फंसे चुंबक को भी निकाल दिया गया था लेकिन अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही ने उनके घर के चिराग को हमेशा के लिए बुझा दिया।
खेलते-खेलते चुंबक को निगल लिया
तीन साल के कबीर ने 29 जुलाई को खेल-खेल में चाइनीज मैटेलिक चुंबक को निगल लिया था। जिसके बाद उसे शहर के गुमास्ता नगर स्थित अरिहंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कबीर को सर्दी होने के कारण तब डॉक्टर्स ने उसकी एडोस्कोपी नहीं की। सोमवार की सुबह कबीर की एंडीस्कोपी कर चुंबक को उसके गले से निकाला गया था। जिसके कुछ देर बाद ही कबीर की मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि कबीर की बड़ी बहन बाजार से उसके खेलने के लिए चुंबक खरीदकर लाई थी उसने खेलते खेलते चुंबक घर में ही कहीं रख दिया था जो बाद में कबीर के हाथ लग गया और कबीर ने उसे निगल लिया था। बाद में जब कबीर ने गले में कुछ चुभने की बात परिजन को बताई तब कहीं इस बात का पता चला था कि कबीर ने चुंबक निगल लिया है।
परिजन का आरोप- एनेस्थीसिया के ओवरडोज से हुई मौत
कबीर के पिता सुनील तिवारी का आरोप है कि एनेस्थीसिया के ओवरडोज से उनके बच्चे कबीर की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि कबीर को ऑपरेशन से पहले कुछ भी खाने-पीने को नहीं देना था। वो बार-बार कुछ खाने के लिए मांग रहा था लेकिन परिजन उसे दिलासा देते रहे कि जल्द ही सब ठीक हो जाएगा और फिर उसे सबकुछ खाने को देंगे।
ऑपरेशन से पहले कबीर ठीक था और हंसते-हंसते ऑपरेशन थियेटर में गया था जहां एंडोस्कोपी कर उसके गले से चुंबक निकाली गई और बाद में एनआईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। हम उसके होश में आने का इंतजार कर रहे थे लेकिन वो होश में ही नहीं आया। कबीर के पिता का आरोप है कि एनेस्थीसिया के ओवरडोज से कबीर की मौत हुई है और उन्होंने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है।
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