देशों की लेट-लतीफी और गैर-जिम्मेदाराना रवैये ने फैलाई महामारी, खतरे को पहले भांपने वाले रहे कामयाब : समिति

देशों की लेट-लतीफी और गैर-जिम्मेदाराना रवैये ने फैलाई महामारी, खतरे को पहले भांपने वाले रहे कामयाब : समिति

 

देशों की लेट-लतीफी और गैर-जिम्मेदाराना रवैये ने फैलाई महामारी, खतरे को पहले भांपने वाले रहे कामयाब : समिति
(File Photo)

 

WhatsApp & Telegram Group Join Buttons
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

कोविड-19 (Covid-19) से निपटने में खराब प्रदर्शन करने वाले देशों ने विज्ञान (Science) के महत्व को कम समझा, महामारी के संभावित प्रभावों की अनदेखी की, व्यापक कार्रवाई में लेट-लतीफी और अविश्वास को बढ़ावा देने जैसा गैर-जिम्मेदाराना (Irresponsible) रुख अपनाया. स्वतंत्र विशेषज्ञों की एक समिति ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में यह बात कही.

 

कोरोना वायरस महामारी से निपटने को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के कदमों की समीक्षा करने वाली समिति ने जिनेवा में जारी एक रिपोर्ट में यह भी कहा कि जिम्मेदारी लेने या सामुदायिक संक्रमण से बचने के लिए सुसंगत रणनीति तैयार करने में नेतृत्व की नाकामी पर पर्दा डालने के चलते वैज्ञानिक सबूतों को दरकिनार किया गया.

 

वुहान के संपर्क में रहे कामयाब देश

रिपोर्ट में कहा गया है कि उभरते वैज्ञानिक साक्ष्यों को संशय की नजर से देखने वाले या खारिज करने वाले नेताओं ने जनता का विश्वास खो दिया. मार्च 2021 तक महामारी से निपटने के विभिन्न देशों के तौर-तरीकों की समीक्षा करने वाली समिति ने कहा कि सार्स-कोव-2 के खतरे को पहले ही भांप लेने वाले देशों ने उन देशों के मुकाबले इसका अच्छी तरह सामना किया, जो इसके फैलने का इंतजार करते रहे.

WhatsApp & Telegram Group Join Buttons
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

 

यह भी पढ़ें : Anupam Kher का सरकार पर फूटा गुस्सा, कहा- छवि बनाने के अलावा भी बहुत काम हैं’

 

समिति ने कहा कि जल्द हरकत में आने वाले देशों को ऐहतियाती कदम उठाने के लिए समय मिल गया. साथ ही वे अन्य देशों विशेषकर चीन के वुहान से जानकारी लेते रहे, जहां लॉकडाउन के प्रभाव ने यह बताया कि सख्त कदम उठाकर महामारी के प्रसार को प्रभावी ढंग से रोका जा सकता है.

 

आठ महीने में समिति ने की समीक्षा

रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की मौजूदा व्यवस्था लोगों को कोविड-19 से बचाने के लिए अपर्याप्त है. इस समिति में लाइबेरिया की पूर्व राष्ट्रपति एलेन जॉनसन सरलीफ और न्यूजीलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री हेलेन क्लार्क शामिल थीं. समिति ने बीते आठ महीने में गहनता से इस बात की समीक्षा की कि यह महामारी वैश्विक महामारी कैसे बनी और वैश्विक तथा राष्ट्रीय स्तर पर इससे कैसे निपटा जा रहा है.

 

समिति की सह अध्यक्ष क्लार्क ने कहा कि हमारा संदेश बिल्कुल सरल और स्पष्ट है. मौजूदा व्यवस्था लोगों को कोविड-19 से बचाने में नाकाम रही है और अगर हमने अभी इसे बदलने के प्रयास नहीं किए तो हम अगली महामारी के खतरे से नहीं बच सकते, जो किसी भी समय पैदा हो सकती है. जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार दुनियाभर में अब तक 159,784,600 से अधिक लोग संक्रमण की चपेट आ चुके हैं. इनमें से 3,320,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

 

 

 

 

 

Follow 👇

लाइव अपडेट के लिए हमारे सोशल मीडिया को फॉलो करें:

 

 

Source link

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *