रायपुर। छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ (Chhattisgarh Traffic Federation) के पदाधिकारियों ने किराया बढ़ाने की मांग को लेकर राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के हर जिले में बसों की बारात निकाली. दरअसल यह बारात शासन से अपनी मांग पूरी कराने के लिए निकाली गई थी. छत्तीसगढ़ बस ऑपरेटर्स संघ ने बीते गुरुवार को 40 प्रतिशत किराया बढ़ाने की मांग और अन्य मांगों को लेकर यह अनोखा प्रदर्शन किया. महंगाई की वजह से हुए प्रदेश स्तरीय इस आंदोलन का असर रायपुर में भी देखने को मिला. पंडरी बस स्टैंड पर गांधी टोपी लगाकर बस संचालक जमा हुए थे.
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सभी बस संचालकों ने हाथ में हमारी मांगे पूरी करो, महाबंद जैसी बातें लिखी तख्ती थाम रखी थी. बस स्टैंड में ही लगातार नारेबाजी हो रही थी. बस मालिकों का कहना था कि जिस अनुपात में पेट्रोल डीजल की कीमत बढ़ी है, उसके अनुपात में किराया बेहद कम है. किराया 40 प्रतिशत बढ़ा दिया जाए. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगे नहीं मानी गई तो 13 जुलाई से अनिश्चित काल के लिए बसों के पहिए थम जाएंगे. यदि फिर भी सरकार नहीं मानी तो 14 जुलाई को नदी में जल समाधि ली जाएगी.
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आधे रास्ते में ही रोका गया
बस ऑपरेटर संघ बसों की बारात लेकर कलेक्टोरेट जाने को निकले थे, लेकिन उन्हें आधे रास्ते ही रोक लिया गया. परिवहन मंत्री के साथ उनकी पहले भी मुलाकात हो चुकी है. देखना यह है कि अब किस तरह का रास्ता सरकार निकालती है. यह भी सच है कि आम आदमी पर भी महंगाई की मार पड़ी हुई है. यदि बस ऑपरेटर्स संघ की मांग मानी गई तो आम आदमी की तो यात्रा के दौरान कमर टूट जाएगी.
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