पाकिस्तान: लाहौर हाई कोर्ट ने शहबाज शरीफ को इलाज के लिए विदेश जाने की दी इजाजत, शर्तें भी रखीं

पाकिस्तान: लाहौर हाई कोर्ट ने शहबाज शरीफ को इलाज के लिए विदेश जाने की दी इजाजत, शर्तें भी रखीं
Shahbaz Sharif

 

पाकिस्तान में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ को लाहौर हाई कोर्ट ने इलाज के लिए शुक्रवार को विदेश जाने की अनुमति दे दी. भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे शहबाज लंदन में अपने बड़े भाई व पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के पास जाने के लिए तैयार हैं. कोर्ट ने उन्हें इलाज के लिए आठ मई से तीन जुलाई तक ब्रिटेन में इलाज कराने की ”सशर्त अनुमति” दी है. शहबाज ने कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि वह कैंसर से पीड़ित हैं और उन्हें इलाज के लिए पाकिस्तान से बाहर जाने की जरूरत है.

WhatsApp & Telegram Group Join Buttons
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

 

वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान देश की विदेश सेवा के अधिकारियों को ‘औपिनिवेशिक मानिसकता से ग्रस्त’ और ‘निष्ठुर’ बताकर और भारतीय समकक्षों की प्रशंसा कर आलोचनाओं से घिर गए हैं. इमरान खान ने बुधवार को राजदूतों को ऑनलाइन संबोधित करते हुए विदेश में मौजूद पाकिस्तानी राजनयिकों द्वारा पाकिस्तनी नागरिकों के प्रति कथित ‘स्तब्ध करने वाली निष्ठुरता’ दिखाने पर नाराजगी जताई.

 

ये भी पढ़ें –धरती पर आज गिरेगा चीन का बेकाबू रॉकेट, क्या मचेगी ‘तबाही’ या नहीं होगा कोई नुकसान? विशेषज्ञों ने दिया इसका जवाब

 

WhatsApp & Telegram Group Join Buttons
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी नागरिकों के साथ व्यवहार करने में वे (राजनयिक) ‘औपनिवेशिक मानसिकता’ के साथ काम करते हैं. खान ने कहा कि ‘भारतीय दूतावास अपने देश में निवेश लाने के लिए अधिक सक्रिय हैं और वे अपने नागरिकों को भी बेहतर सेवाएं दे रहे हैं.’ खान के इस बयान की कम से कम तीन पूर्व विदेश सचिवों ने तीखी आलोचना की है.

 

पाकिस्तान के इतिहास में पहली महिला विदेश सचिव तहमीना जंजुआ ने ट्वीट किया कि ‘विदेश मंत्रालय की इस अवांछित आलोचना से बहुत निराश हूं.’ उन्होंने कहा कि खान की यह टिप्पणी उनकी विदेश सेवा के प्रति समझ की कमी को इंगित करता है. पूर्व विदेश सचिव सलमान बशीर भी पाकिस्तान की विदेश सेवा के बचाव में उतर आए हैं. उन्होंने ट्वीट करके कहा कि ‘सम्मान के साथ मान्यवर, विदेश मंत्रालय और राजदूतों के प्रति आपकी नाराजगी और आलोचना को गलत समझा जाता है. सामान्य तौर पर समुदाय की सेवा अन्य विभागों में निहित है जो पासपोर्ट और राजनयिक सत्यापन आदि का काम देखते हैं. हां, मिशन को अपने दरवाजे खुले रखने चाहिए.’

 

ये भी पढ़ें – Jerusalem: फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों और इजरायली पुलिस के बीच हिंसक झड़प, 170 से ज्यादा लोग घायल

 

 

 

 

 

Follow 👇

लाइव अपडेट के लिए हमारे सोशल मीडिया को फॉलो करें:

 

 

 

Source link

Leave a Comment