भोपाल. कोरोना बीमारी (Corona) के इलाज के नाम पर मनमानी लूट करने वाले निजी अस्पतालों की मनमानी पर अब नकेल कसेगी. मनमानी बिलिंग की शिकायत मिलने पर सरकार ने जांच समिति बना दी है. तीन सीनियर आईएएस अधिकारियों की ये टीम मनमाने बिल की शिकायत मिलने पर न केवल उसकी जांच करेगी बल्कि उसका समाधान भी करेगी. जांच में अधिक बिलिंग की शिकायत सही पाए जाने पर दोषी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी. दअरसल सरकार को कई जगहों से ऐसी शिकायते मिल रहीं थीं कि कुछ निजी अस्पताल मरीज़ों से मनमाने पैसे वसूल रहे हैं. इसी को देखते हुए जांच समिति बनाने का फैसला किया गया है.
कौन कौन समिति में शामिल ?
सरकार ने अस्पतालों की बिलिंग की जांच के लिए जो समिति बनाई है उसमें प्रमुख सचिव स्तर के दो अधिकारी और सचिव स्तर के एक अधिकारी को शामिल किया गया है. प्रमुख सचिव संजय दुबे और प्रतीक हजेला को समिति में शामिल किया गया है. इसके अलावा सचिव स्तर के अधिकारी संजय गोयल भी इसके सदस्य हैं.
कैसे होगी जांच ?
कोविड के इलाज के लिए सभी अस्पतालों ने अपने टैरिफ पहले से घोषित किये हैं. ये टैरिफ सार्थक एप पर अपलोड भी हैं जिन्हें सार्वजनिक तौर पर देखा जा सकता है. अगर कोई अस्पताल इस तय टैरिफ से ज्यादा बिल वसूलता है तो उसकी शिकायत इस समिति के समक्ष की जा सकेगी. इससे पहले सरकार कोरोना के इलाज में होने वाले सीटी स्कैन से लेकर ब्लड जांच के रेट भी फिक्स कर चुकी है. इससे पैथ लैब संचालकों की मनमानी पर काफी हद तक रोक लगी है.