नई दिल्ली । ससुराल में महिलाओं के साथ मारपीट को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अहम टिप्पणी की है। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर ससुराल में महिला की पिटाई होती है तो उसकी चोटों के लिए मुख्य रूप से पति जिम्मेदार होगा। भले पिटाई पति के रिश्तेदारों ने की हो। अदालत ने पत्नी की पिटाई के एक मामले में आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया।
आरोपी के वकील ने बार-बार अग्रिम जमानत के लिए जोर दिया तो प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे (Chief Justice S.A. Bobde) की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, ‘पत्नी का आरोप है कि आप (आरोपी) गला घोंटकर उसकी जान लेने वाले थे। उनका कहना है कि आपने जबरन गर्भपात कराया। आप किस तरह के मर्द हैं, जो पत्नी को क्रिकेट बैट से पीटते हैं?’ जब वकील ने कहा कि उसके क्लाइंट के पिता ने बैट से महिला की पिटाई की थी तो बेंच ने कहा, ‘इससे फर्क नहीं पड़ता कि वह आप (पति) थे या आपके पिता, जिन्होंने कथित तौर पर बैट से उनकी पिटाई की। जब ससुराल में महिला को यातनाएं दी जाती हैं तो मुख्य रूप से जिम्मेदारी पति की बनती है।’
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पति, सास-ससुर पर मारपीट का आरोप
अदालत जिस शख्स की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, यह उसकी तीसरी शादी है। पिछले साल जून में उसकी पत्नी ने लुधियाना पुलिस में उसके और ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। महिला का आरोप है कि दहेज की बढ़ती मांगों को पूरा न कर पाने पर उसे पति, ससुर और सास ने बुरी तरह पीटा।