मंदसौर. मंदसौर शहर के लिए शनिवार की रात ऐतिहासिक रही. आखिरकार चंबल योजना का पानी शिव की नगरी शिवना में पहुंच ही गया. मंदसौर जिले के ग्राम कोलवी में चंबल नदी पर बने पंप हाउस से रोज 22 घंटों में 2.13 करोड़ लीटर पानी मंदसौर पहुंचेगा. इसमें शहर वासियों को पेयजल संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा.
वर्तमान शहर की लगभग दो लाख आबादी 2047 में 250000 हो जाएगी तब भी शहर में जल संकट नही होगा. 2015 में अमृत योजना के अंतर्गत योजना का पानी 55 किलोमीटर का सफर तय कर शनिवार को रामघाट पहुंच गया. चंबल नदी का पानी जैसे ही मंदसौर की शिवना नदी पर बने राम घाट पर पहुंचा वैसे ही कलेक्टर मनोज पुष्प नगर पालिका सीएमओ और अन्य अधिकारियों ने नारियल तोड़कर चंबल के पानी का स्वागत किया.
22 घंटे चलेंगे सप्लाई के पंप, प्रति सेकंड फेंकेंगे 270 लीटर पानी
PHE के कार्यपालन यंत्री संदीप दुबे ने बताया कि कोलवी में बने इंटक वेल पर 450hp के तीन पंप है. सप्लाई के दो पंप 22 घंटे चलेंगे. हर पंप 135 लीटर प्रति सेकंड पानी फेंकने का काम करेगा. 8100 लीटर प्रति मिनट एवं 1 घंटे में 486000 लीटर पानी देगा. 22 घंटे में एक करोड़ 60 लाख 92 हजार लीटर पानी आएगा. 2 पम्प निरंतर चलेंगे तो दो करोड़ 13 लाख 84000 लीटर रोज पानी देंगे. तीसरा पंप स्पेयर में रहेगा.
कई परेशानियां आईं, लेकिन पानी पहुंच गया- कलेक्टर
कलेक्टर मनोज पुष्प ने बताया कि इस योजना की स्वीकृति 2015 में मिली थी. चंबल नदी से पाइप लाइन के जरिए मंदसौर की शिवना नदी के रामघाट बैराज तक चंबल का पानी लाने के लिए 71 करोड़ की राशि प्रस्तावित हुई थी. कई व्यवधान इसमें आए, लेकिन आखिरकार मंदसौर वासियों का सपना पूरा हुआ.
इसके लिए नगरपालिका का अमला, PHE का अमला और विद्युत विभाग के कर्मचारी अधिकारी दिन रात लगे रहे. सभी के सार्थक प्रयासों का परिणाम है कि शिवना नदी तक चंबल नदी पहुंची है और मंदसौर के लोगों की प्यास बुझेगी. चंबल नदी का पानी मंदसौर तक पहुंचने के बाद स्थानीय विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने इस कार्य में लगे सभी लोगों को बधाई दी. इसके अलावा प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने भी चंबल का पानी मंदसौर तक पहुंचाने के लिए प्रशासन को बधाई दी है.
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