जबलपुर. अपनी 4 सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर प्रदेश भर के जूनियर डॉक्टर (JUDA) आज से हड़ताल पर हैं. जबलपुर, भोपाल, इंदौर और ग्वालियर सहित अन्य जिलों के तमाम जूनियर डॉक्टर्स ने कोविड-19 सेवाओं को छोड़कर खुद को स्वास्थ्य सेवाओं से दूर रखा.
मंत्री विश्वास सारंग ने दिया था आश्वासन
बीते 1 माह से जूनियर डॉक्टर्स ने असहयोग आंदोलन का मन बना रखा था. इसके पहले अप्रैल के पहले सप्ताह में जूनियर डॉक्टर्स ने असहयोग आंदोलन शुरू करते हुए प्रदेश सरकार को चेतावनी दी थी. इस बीच मंत्री विश्वास सारंग ने जूनियर डॉक्टर्स को आश्वासन दिया था कि सरकार उनकी मांगों को पूरा करेगी लेकिन सरकार ने अब तक उस पर विचार नहीं किया. इससे नाराज़ आज सभी जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए. जूनियर डॉक्टर ने अल्टीमेटम दिया है कि अगर सरकार ने सुबह 8 बजे तक उनकी मांगों पर अंतिम निर्णय नहीं लिया तो वो इमरजेंसी समेत कोविड-19 सेवाओ को भी बंद कर देंगे.
इस बीच मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने जूडा की प्रस्तावित हड़ताल को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था कर ली है. जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डीन डॉ प्रदीप प्रसाद ने स्पष्ट किया कि फिलहाल सीनियर डॉक्टर को अतिरिक्त रूप से उन्होंने तैनात कर दिया है. जो कुछ समय तक अस्पताल की व्यवस्थाओं को देख सकते हैं. फिर भी उन्हें भरोसा है कि सरकार कोई ना कोई बीच का रास्ता जरूर निकालेगी.
ये हैं मांग
-स्टायपेंड में 2018 से 6 प्रतिशत की दर से कुल 18 प्रतिशत बढ़ोतरी की मांग -पिछले साल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की ओर से घोषित 10 हजार की प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि देने -जूनियर डॉक्टर्स पर ग्रामीण सेवाओं की अनिवार्यता को खत्म करने -प्रदेश के तमाम मेडिकल कॉलेजों में कोरोना के गंभीर मरीजों को ही दाखिला देने और अतिरिक्त चिकित्सकों की नियुक्ति की मांग की गई है.
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