दिल्ली। केंद्र के कृषि कानून के खिलाफ जारी किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी ने बड़ा प्लान तैयार किया है। बीजेपी नए कृषि बिल पर देश के सभी ज़िलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस और चौपाल आयोजित करेगी। आने वाले दिनों में 700 प्रेस कॉन्फ्रेंस और 700 चौपाल लगाएगी। बिल के फायदे और बिल का विरोध क्यों हो रहा है इस पर बात होगी। आपको बता दें किसान केंद्रीय कृषि कानून को रद्द करने की मांग को लेकर लगातार हड़ताल कर रहे हैं।
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क्या है किसानों की मांग
किसानों की मांग है कि मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी ग्च्घ् हमेशा लागू रहे। किसान चाहते हैं कि 21 फसलों को ग्च्घ् का लाभ मिले. फिलहाल किसानों को सिर्फ गेहूं, धान और कपास पर ही ग्च्घ् मिलती है. किसानों की मांग है कि अगर कोई कृषक आत्महत्या कर लेता है तो उसके परिवार को केंद्र सरकार से आर्थिक मदद मिले. किसान चाहते हैं कि केंद्र द्वारा मानसून सत्र में पारित कराए गए तीनों कानून वापस लिए जाएं. मांग है कि इस आंदोलन के दौरान जितने भी किसानों पर मामले दर्ज हुए हैं, उन्हें वापस लिया जाए.
क्या है किसानों की शंका?
किसान कृषक (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत अश्वासन और कृषि सेवा करार अधिनियम, 2020, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम, 2020 और आवश्यक वस्तु संशोधन अधिनियम, 2020 का विरोध कर रहे हैं। सितंबर में बनाये गये तीनों कृषि कानूनों को सरकार ने कृषि क्षेत्र में एक बड़े सुधार के रूप में पेश किया है और कहा कि इससे बिचौलिये हट जाएंगे एवं किसान देश में कहीं भी अपनी उपज बेच पाएंगे।