ऑस्ट्रेलिया (Australia) भारत में फंसे अपने नागरिकों की स्वदेश वापसी के लिए उड़ानों (Repatriation flights) को शुरू करेगा. कैनबरा ने भारत से आने वाली उड़ानों पर 15 मई तक रोक लगा रखी है. प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन (Scott Morrison) को कोरोना से बुरी तरह जूझ रहे भारत में फंसे अपने नागरिकों की मदद करने में विफल रहने पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है. ट्रैवल बैन को लेकर लोगों का गुस्सा तब और भड़क उठा, जब सरकार ने कहा कि भारत से आने की कोशिश करने पर लोगों को जेल की सजा और जुर्माना भुगतना पड़ सकता है.
लोगों के गुस्से का असर देखने को मिला और पीएम मॉरिसन ने इस फैसले पर थोड़ा सा पीछे हटते हुए कहा कि जेल की सजा भुगतने की संभावना बेहद ही कम है. शुक्रवार को मॉरिसन ने ऐलान किया कि उनकी सरकार मई के तीसरे सप्ताह में तीन फ्लाइट्स को भारत भेजेगी और 900 लोगों को वापस लाया जाएगा. भारत से लौटने वाले लोगों को उत्तरी क्षेत्र में स्थित हावर्ड स्प्रिंग्स क्वारंटीन फैसिलिटी में ले जाया जाएगा. इस फैसिलिटी की क्षमता अगले सप्ताह तक दो हजार बेड्स तक बढ़ा दी जाएगी.
भारत में बढ़ते संक्रमण की वजह से लगाया ट्रैवल बैन: ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया ने भारत पर लगे ट्रैवल बैन को लेकर तर्क दिया कि ऐसा बढ़ते संक्रमण की वजह से किया गया है. इसने कहा कि भारत से आने वाले बड़ी संख्या में संक्रमित हो रहे हैं, जिस वजह से क्वारंटीन सिस्टम पर दबाव बढ़ रहा है. लेकिन शुक्रवार को पीएम मॉरिसन ने कहा पिछले हफ्ते इस बैन की वजह से क्वारंटीन में लोगों की संख्या में गिरावट हुई है और अब चीजों को व्यवस्थित किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि 15 मई तक प्लान की गई योजना के तहत चीजें हो जाएंगी और हम भारत में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए उड़ानों की शुरुआत कर सकेंगे.
कोरोना संकट में भारत की मदद के लिए आगे आया ऑस्ट्रेलिया
भारत में करीब नौ हजार ऑस्ट्रेलियाई नागरिक और स्थायी निवासी हैं. पीएम मॉरिसन ने कहा कि अधिकारी अगले सप्ताह से कमर्शियल उड़ानों की शुरुआत करने पर फैसला लेंगे. भारत से लौटने वाले अधिकतर ऑस्ट्रेलियाई नागरिक कमर्शियल उड़ानों के जरिए स्वदेश पहुंचेंगे. भारत वर्तमान में कोरोना की बुरी तरह मार झेल रहा है. हर दिन तीन लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो रहे हैं और अस्पतालों को ऑक्सीजन की कमी से जूझना पड़ रहा है. ऑस्ट्रेलिया उन देशों में शामिल है, जिसने भारत को कोरोना संकट से निपटने के लिए मदद भेजी है.
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