रीवा। भाजपा सरकार की महत्वाकांछी योजना दीनदयाल अंत्योदय रसोई एक बार फिर से प्रारंभ करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए शासन स्तर से नगर निगम के पास गाइडलाइन भेजी गई है और तैयारियां प्रारंभ करने के लिए कहा गया है। नगर निगम ने प्रारंभिक रूपरेखा भी तैयार की है। पूर्व में शहर के अस्पताल चौराहे में इस योजना के तहत रसोई संचालित की जा रही थी। जहां पर पांच रुपए प्रति थाली के हिसाब से लोगों को भोजन मुहैया कराया जा रहा था। सरकार बदलने के बाद इस योजना को बंद करते हुए उसी स्थान पर सेवा संकल्प के नाम से रसोई का संचालन शुरू किया गया था। अब फिर से योजना के द्वितीय चरण में कुछ नए बदलावों के साथ शुरुआत होने जा रही है। प्रदेश के महानगरों में पांच-पांच स्थानों पर रसोई खोली जाएगी और रीवा सहित 11 शहरों में तीन-तीन की संख्या में रसोई स्वीकृत की गई है।
रसोई का संचालन करने वाली संस्था का चयन करने के लिए नगर निगम को जिम्मेदारी दी गई है। इसमें उन संस्थाओं को वरीयता दी जाएगा जो पहले से नि:शुल्क अथवा सस्ते दर पर भोजन उपलब्ध कराने का काम कर रही हैं। इन संस्थाओं को रसोई में उपयोग किए जाने वाले खाद्यान्न गेहूं, चावल का आवंटन प्रशासन द्वारा एक रुपए प्रति किलो की दर से किया जाएगा। संस्था लोगों से दान स्वरूप राशि भी ले सकेगी। बिजली, पानी, गैस की आपूर्ति को लेकर कार्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी के तहत व्यवस्था की जाएगी।
शासन की गाइडलाइन के मुताबिक इस बार सुबह दस बजे से लेकर दोपहर के तीन बजे तक रसोई का संचालन होगा। जहां पर दस रुपए लेकर प्रति थाली के हिसाब से भोजन मुहैया कराया जाएगा। रसोई में आने वाले लोगों की हर दिन की संख्या दर्ज की जाएगी। इतना ही नहीं योजना के क्रियान्वयन की जानकारी विभाग के पोर्टल पर तैयार डैशबोर्ड में हर दिन दर्ज की जाएगी। भोजन में 125 ग्राम आटे की पांच रोटियां, 150 ग्राम चावल, दाल 150 ग्राम एवं सब्जी 100 ग्राम दी जाएगी।
दीनदयाल रसोई योजना पर निगरानी के लिए जिला स्तरीय अनुश्रवण एवं समन्वय समिति का गठन किया जाएगा। जिसके अध्यक्ष कलेक्टर होंगे और सदस्य सचिव शहरी विभास अभिकरण के परियोजना अधिकारी। साथ ही सदस्य के रूप में महापौर अथवा नामित सदस्य, प्रबंध संचालक एकेवीएन, जिला खाद्य अधिकारी, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र, उप संचालक सामाजिक न्याय, नगर निगम आयुक्त, अध्यक्ष अनाज व्यापारी संघ, अध्यक्ष सब्जी मंडी एसोसिएशन आदि होंगे। ये नियमित बैठकें कर रसोई के कामकाज की समीक्षा करेंगे।
रीवा सहित छह शहर ए श्रेणी में रखे गए हैं, जहां पर प्रति रसोई एक हजार लोगों के भोजन करने का अनुमान है। रीवा और छिंदवाड़ा में तीन, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन में पांच-पांच रसोई घर खोले जाएंगे। इसके अलावा सतना, कटनी, सिंगरौली, सागर, रतलाम, खंडवा, देवास, बुरहानपुर में भी तीन-तीन रसोई घर खुलेंगे। चित्रकूट, मैहर, सीधी, पन्ना में एक-एक खोले जाएंगे।
शासन ने नगर निगम को टारगेट दे दिया है जिसमें हर कार्य के लिए तिथि निर्धारित की गई है। जिसमें नए भवन का चिन्हांकन एवं संस्था चयन के लिए आमंत्रण 30 सितंबर, संस्था को कार्य आवंटन 31 अक्टूबर, नए केन्द्रों का शुभारंभ 15 नवंबर के पहले करने का टारगेट दिया गया है।