U. C . Kindes is preparing for Guinness World Record and India's World Book Record, watch video

यू. सी . किंडीज कर रहा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड और इंडियास वर्ल्ड बुक रिकॉर्ड की तैयारी, देखे video

U. C . Kindes is preparing for Guinness World Record and India's World Book Record, watch video

इंदौर: ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में हर बच्चे का समग्र विकास की जरूरत है। उसे पढ़ाई के साथ-साथ खेल-कूद और अन्य गतिविधियों में अपने टैलेंट को दिखाने का मंच मिलना चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए गोपुर कॉलोनी स्थित यू. सी . किंडीज में बच्चों को ना सिर्फ पढ़ाई में बल्कि अन्य गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यू. सी . किंडीज की डायरेक्टर मीता बाफना ने बताया कि हम बच्चों के हुनर और रुचि को देखते हुए उनकी प्रतिभा को बढ़ावा देते हुए उनको आगे बढ़ने में सहयोग करते है।

इसके लिए समय-समय पर विभिन्न एक्टिविटी और कॉम्पिटिशन का आयोजन किया जाता है जिससे की उनके टैलेंट को पहचाना जा सके। बच्चों के टैलेंट की पहचान कर उन्हें उस फील्ड में आगे बढ़ने में मदद की जा सके। डायरेक्टर मीता बाफना ने बताया कि अलग अलग गतिविधियों में एक्टिव बच्चों की क्षमता को पहचान कर उनके टैलेंट को निखारने का प्रयास कर रहे है। इसके साथ ही हम अपने प्रतिभाशाली बच्चों की मदद से गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड और इंडियास वर्ल्ड बुक रिकॉर्ड में नाम दर्ज करने की तैयारी कर रहे है।

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डायरेक्टर मीता बाफना ने बताया कि स्कूल में पढ़ने वाली बालिका क्रिशा प्रजापति जिसकी उम्र 3 वर्ष हैं उसके लिए हाल ही में एक ट्रेनर अपॉइंट किया गया है जो कि एक जाने-माने जिम ट्रेनर है, उनके द्वारा उसे पुश-अप, पुल-अप, प्लैंक, हैंड स्टैंड, बॉडी, लेग, मोबिलिटस् आदि की ट्रेनिंग दी जाती है। वह बालिका 20-25 पुशअप्स, 10-15 मिनट प्लैंक और पुल अप्स कर लेती हैं। 3 वर्ष की बालिका का यह अभी तक का पहला रिकॉर्ड हैं।

डायरेक्टर मीता बाफना ने बताया कि हम स्टूडेंटको को हर दिन मेडिटेशन, योग, भारतीय संस्कृति के श्लोक आदि के साथ-साथ भारतीय संस्कृति के बारे में भी विस्तार से जानकारी देते है। जिससे कि बच्चे हमारी संस्कृति और सभ्यता के महत्व को समझें और और हमारे सांस्कृतिक मूल्यों को अपने जीवन में अपना सकें। इसके साथ ही बच्चों को सनातन धर्म की शिक्षा भी दी जाती है जिससे उन्हें धार्मिक चीजों का ज्ञान तो होता ही है इसके साथ उनके अंदर नैतिक शिक्षा भी मिलती है। हम अपने स्कूल को नालंदा विद्यापीठ की तरह आगे बढ़ा रहे हैं।

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