भोपाल: कोरोना (Corona) के इस भयानक काल में स्कूल फीस (School Fees) को लेकर लगातार स्कूल और अभिभावकों के बीच हर बार विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है। एक तरफ जहां अभिभावक स्कूल पर ट्यूशन फीस (Tuition Fees) के साथ अन्य फीस वसूली का आरोप लगा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ निजी स्कूलों (Private schools) की भी अपनी राय है। इस बीच राज्य सरकार ने निजी स्कूलों की फीस को लेकर नए दिशा निर्देश जारी किए हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) ने स्कूल फीस संबंधित नोटिफिकेशन जारी किया। जिसके मुताबिक अब निजी स्कूल अपनी मर्जी से सिर्फ 10 फीसद की फीस बढ़ा सकेंगे। 10 फीसद से अधिक फीस बढ़ाने के लिए उन्हें जिला समिति कि मंजूरी लेनी होगी। इसके साथ ही साथ यह निजी स्कूल 15 फीसद या इससे अधिक फीस बढ़ाने की बात करते हैं तो उन्हें इन का कारण भी बताना होगा। स्कूल शिक्षा विभाग ने 2017 से अब तक सभी स्कूलों के बैलेंस शीट (Balance sheet) की भी मांग की है। इसके साथ ही साथ फीस से संबंधित नया खाता खोले जाने की बात कही है। जिससे मॉनिटरिंग का काम आसान हो सके।
वही स्कूल शिक्षा विभाग के जारी दिशा निर्देश के मुताबिक निजी शिक्षण संस्थानों में नए सत्र में स्कूल का प्रस्तावित फीस स्ट्रक्चर नए सत्र से 90 दिन पहले अपलोड करना होगा। वही अगर निजी स्कूल पिछले शैक्षणिक सत्र की तुलना में नए सत्र में 10 से 15 फीसद की फीस बढ़ोतरी करना चाहते हैं तो उन्हें इसकी जानकारी जिला समिति को भेजनी होगी। जिस पर जिला समिति 45 दिन में निर्णय लेगी।
इसके अलावा जिला समिति निजी स्कूलों से फीस बढ़ाने के कारण पूछने के लिए स्वतंत्र है। साथ ही साथ वो फीस बढ़ोतरी पर स्कूल प्रबंधन और पालक संगठन का पक्ष भी ले सकती है। गाइडलाइन के दिशा निर्देश के मुताबिक यदि निजी स्कूल इसके अलावा किसी अन्य तरह के मत की वसूली करती है तो उस पर कार्रवाई की जा सकती है और जिला कमेटी यह फीस वापस पालकों को दिलवा सकती है।
निजी स्कूलों पर नियंत्रण
इसके साथ ही साथ निजी स्कूल प्रबंधन के लिए सख्त दिशा निर्देश जारी करते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने कहा है कि प्रबंधन अपने स्कूल के छात्र और पलकों को स्कूल यूनिफार्म के साथ कॉपी, पुस्तकें उनके द्वारा चयनित विक्रेताओं से खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है। इसके अलावा यदि निजी स्कूल यूनिफार्म बदलते हैं तो बदला हुआ नया यूनिफार्म अगले 3 सत्र के लिए मान्य किया जाएगा। निजी स्कूलों पर नियंत्रण रखने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने अपने गाइडलाइन ने निर्देश दिए हैं कि निजी स्कूल यूनिफार्म को छोड़कर किसी भी पाठ्यक्रम सामग्री पर स्कूल का नाम प्रेषित नहीं करेगा।
वही गाइडलाइन के मुताबिक छात्रों को परिवहन सुविधा देने के लिए ली जाने वाली फीस का जिक्र भी प्रस्तावित फीस स्ट्रक्चर में दिखाना होगा। वहीं यदि अभिभावकों निजी स्कूलों द्वारा फीस बढ़ोतरी को लेकर शिकायत करता है तो इसकी जांच जिला समिति करेगी।