
Satna News: प्रदेश में पूरक पोषण आहार घोटाले की गूंज थमती नजर आ रही थी कि एक और गड़बड़झाला सामने आ गया है। प्रदेश की आंगनबाड़ियों में जाने वाले बच्चों को पूरक पोषण आहार नहीं मिल पा रहा। यह खुद महिला बाल विकास विभाग संचालनालय की रिपोर्ट कह रही है।
शासन स्तर पर नवंबर 2022 व दिसंबर 2022 की पूरक पोषण आहार प्रदाय की समीक्षा में मिला कि बच्चों के आहार के लिए दिए जाने वाले गेहूं और चावल का बड़े पैमाने पर उठाव नहीं हो रहा है। जब खाद्यान्न का उठाव ही नहीं होगा तो बच्चों के लिए भोजन भी नहीं बनेगा।
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दरअसल, आंगनबाड़ियों में जाने वाले 3 से 6 वर्ष आयु के बच्चों को नाश्ता और गर्म पका भोजन देने के लिए गेहूं, चावल का आवंटन किया जाता है। यह आवंटन स्व सहायता समूहों को होता है। शासन स्तर पर नवंबर 2022 की समीक्षा में पाया गया कि 21.88 फीसदी गेहूं और 22.59 फीसदी फोर्टिफाइड चावल का उठाव नहीं हुआ है।
इसी तरह से दिसंबर 2022 की समीक्षा में तो स्थितियां काफी चिंताजनक रही हैं। दिसंबर में 69.23 फीसदी गेहूं और 70.01 फीसदी चावल का उठाव नहीं हुआ। अर्थात नवंबर और दिसंबर माह में इस प्रतिशत की संख्या में शामिल बच्चों को नाश्ता और गर्म पके भोजन से वंचित रहना पड़ा।
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