Rewa News: शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में नियमित प्राध्यापकों की काफी कमी बनी हुई है। नियमित प्राध्यपकों की कमी से जूझ रहे महाविद्यालय का पूरा दारोमदार अतिथि विद्वानों के भरोसे है।
अगर यह कहा जाय कि महाविद्यालय की पठन पाठन व्यवस्था की पूरी जिम्मेदारी अतिथि विद्वानों के भरोसे है तो अतिशयोक्ति न होगा। गौरतलब है कि महाविद्यालय में सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रानिक्स, | इलेक्ट्रिकल ब्रांच को मिला कर नियमित प्राध्यापकों के 54 पद स्वीकृत है। इन स्वीकृत पद में से केवल 19 पद ही भरे हुए हैं। नियमित प्राध्यापकों के 35 पद खाली हैं।
बताया गया है कि सिविल ब्रांच में नियमित प्राध्यापकों के 13 पद स्वीकृत हैं जिसमें से 3 भरे हुए है। इस प्रकार यहां नियमित प्राध्यापकों के 10 पद खाली है। इलेक्ट्रिकल ब्रांच में नियमित प्राध्यापकों के 13 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 5 पदों में ही नियमित प्राध्यापक अपनी सेवा दे रहे हैं।
जिसके चलते यहां 8 रेगुलर प्राध्यापकों के पद खाली है। मैकेनिकल ब्रांच में सबसे ज्यादा 17 पद स्वीकृत होने के बावजूद यहां केवल 6 नियमित प्राध्यापक अपनी सेवा दे रहे हैं। 11 नियमित प्राध्यापकों की यहां भी कमी बनी हुई है। इलेक्ट्रानिक्स में नियमित प्राध्यापकों के 11 पद भरे हुए हैं जिसमें से 5 पद भरे हैं और 6 पद खाली हैं।
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इलेक्ट्रिकल की स्थिति दयनीय
महाविद्यालय में संचालित चार ब्रांच में से सबसे दयनीय स्थिति इलेक्ट्रिकल ब्रांच की है। कहने को तो यहां प्राध्यापकों के 13 स्वीकृत पदों में से नियमित प्राध्यापकों के 5 पद भरे हुए हैं। लेकिन इन 5 पदों में से 2 प्राध्यापक भोपाल और उज्जैन में अटैच है। इस प्रकार यहां केवल तीन नियमित प्राध्यापक ही मूल रूप से कार्यरत हैं। इलेक्ट्रिकल ब्रांच के बाद सिविल ब्रांच में नियमित प्राध्यापकों की कमी है। यहां भी केवल 3 नियमित प्राध्यापक ही अपनी सेवा दे रहे हैं।
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पदस्थ अतिथि विद्वान
बताया गया है कि सिविल ब्रांच में 7 अतिथि विद्वान अपनी सेवा दे रहे हैं। इसी प्रकार इलेक्ट्रिकल ब्रांच में 7, मैकेनिकल ब्रांच में 8 और इलेक्ट्रानिक ब्रांच में 5 अतिथि विद्वान अपनी पदस्थ हैं। इस प्रकार उक्त चार ब्रांच को मिला कर 27 अतिथि विद्वान कार्यरत हैं।