

Rewa News: यातायात नियमों को ताक पर रखकर बसों में बजने वाले प्रेशर हॉर्न के खिलाफ बुधवार को पुलिस ने कार्रवाई की। ढेकहा तिराहे पर दो दर्जन बसों को चेक किया गया। 15 वाहनों में कान फोडू हॉर्न मिले। इनमें नागिन धुन और फिल्मी गाने बज रहे थे। पुलिस ने सभी पर जुर्माने की कार्रवाई की।
बसों में ऑपरेटरों द्वारा कान फोड़ू हार्न लगवाए जा रहे हैं जिनकी आवाज सामान्य से काफी तेज होती है। कई बसों के हॉर्न में तो फिल्मी गाने की धुन निकलती है जिससे आसपास से गुजरने वाले छोटे वाहन चालकों का हड़बड़ाहट में संतुलन बिगड़ जाता है और उनके हादसे का शिकार होने की संभावना बन जाती है।
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इसको देखते हुए यातायात पुलिस ने ढेकहा तिराहे पर चेकिंग की। सूबेदार सुगम चतुर्वेदी व सूबेदार अंजली गुप्ता ने बीस बसों को चेक किया। इस दौरान 15 बसों में प्रेशर हॉर्न मिला। इन पर 7500 रुपए जुर्माना किया गया। सभी वाहन चालकों को तीन दिन के अंदर प्रेशर हॉर्न निकालने का अल्टीमेटम दिया गया है, इसके बाद भी प्रेशर हॉर्न मिलने पर चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बस ऑपरेटरों की पुलिस ने ली बैठक
प्रेशर हॉर्न को लेकर पुलिस ने यातायात थाने में बस ऑपरेटरों की बैठक भी ली। ऑपरेटरों को वाहनों में निर्धारित हॉर्न का इस्तेमाल करने की हिदायत दी गई। साथ ही बसों में हादसों को रोकने के लिए निर्धारित गति से चलाने, नो-पार्किंग में वाहन खड़ा नहीं करने, नशेड़ी चालक को वाहन नहीं सौंपने की समझाइश दी गई।
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यह है हॉर्न का नियम
ध्वनि के लिए विभिन्न इलाकों में अलग-अलग मापक निर्धारित किया गया है जिससे ज्यादा की आवाज ध्वनि प्रदूषण की श्रेणी में आती है। रिहायशी इलाकों में 55 45 डेसीबल, औद्योगिक क्षेत्र में 75-70 डेसीबल, कार्मिशयल क्षेत्र में 65 60 व साइलेंस जोन में 50 40 डेसीबल का मापक निर्धारित किया गया है। आमतौर पर वाहनों में इस्तेमाल होने वाले बीप हॉर्न इसी मानक के अनुरूप तैयार किए जाते हैं लेकिन प्रेशर हॉर्न में यह 90 डेसीबल अधिक होता है जिससे प्रेशर हॉर्न निर्धारित मानकों के विपरित होते है।
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