इंदौर। परिवहन विभाग ने नीलामी में बिकने से रह गए VIP नंबरों को बेचने का तरीका निकाल लिया है। नीलामी में आने के बाद 10 बार में भी नहीं बिक सके नंबरों को 7 हजार रुपये में खरीदा जा सकेगा। अकेले इंदौर में 41 हजार से अधिक नंबर खाली हैं, जिन्हें बेचकर परिवहन विभाग को 28 करोड़ 70 लाख रुपये मिल सकेंगे।
परिवहन विभाग द्वारा वीआइपी नंबरों की नीलामी अपनी वेबसाइट के माध्यम से की जाती है। हर महीने दो बार नीलामी होती है। इसमें सर्वाधिक मांग 0001 से लेकर 0009 और 1111, 5555, 7777, 9999 जैसे नंबरों की होती है। इन्हीं के लिए बोली भी सबसे ज्यादा लगती है। शेष नंबर खाली रह जाते हैं। पूरे प्रदेश के सभी आरटीओ में मिलाकर करीब चार लाख 52 हजार 307 नंबर उपलब्ध हैं, जो कोई नहीं खरीद रहा है। नई सीरीज खुलने पर नंबर बिकते हैं, शेष नंबर खाली रह जाते हैं। काफी समय से इन नंबरों को बिना नीलामी के बेचने की मांग की जा रही थी। अब इसका नोटिफिकेशन हुआ है।
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VIP से च्वाइस नंबर में शिफ्ट होंगे नंबर
नोटिफिकेशन के अनुसार वाहन की किसी भी श्रेणी में नई सीरीज शुरू होने के एक वर्ष के भीतर कम से कम 10 बार की नीलामी प्रक्रिया में शामिल होने के बाद भी नंबर नीलाम नहीं होता है, तो ऐसे नंबर नीलामी नंबर सूची से च्वाइस नंबर की सूची में डाल दिए जाएंगे। इसमें नंबरों को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर जारी किया जाएगा। इसके नामांकन के लिए आनलाइन गेटवे का उपयोग कर सात हजार की राशि जमा करनी होगी। परिवहन विभाग की इस नई व्यवस्था के लागू होने के साथ ही इंदौर आरटीओ के लगभग 41 हजार नंबर च्वाइस नंबर की सूची में आ जाएंगे। साथ ही इनकी कीमत सात हजार रुपये होने से इन्हें आसानी से खरीदार भी मिल जाएंगे।
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वीआइपी नंबरों की नीलामी में हिस्सा लेने वाले एजेंटों का कहना है कि दो पहिया वाहनों के वीआइपी नंबरों की कीमत कम होती है। यहां पर अधिकांश नंबर पांच हजार रुपये के हैं। इसके 0001 नंबर की बेस कीमत ही 20 हजार रुपये है। बाकी पांच हजार रुपये के नंबरों को सात हजार में बेचना थोड़ा मुश्किल होगा।