इंदौर। एक ओर हमारा शहर पूरे प्रदेश का मेडिकल हब बन चूका है, वही दूसरी ओर शहर के अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को दुर्व्यवहार और मनमानी का सामना करना पड़ रहा है। हालिया मामला इंदौर ऑय हॉस्पिटल का है, जहाँ मरीज को इलाज और दवाइयों के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और हॉस्पिटल के मैनेजमेंट से इसकी शिकायत करने पर मरीजों और उनके परिजनों के साथ बदतमीज़ी की जा रही है।
यहाँ इलाज करवाने आए एक मरीज रवि राव कहते हैं कि जब मैं अस्पताल पहुंचा तो चोट के कारण मेरी आँखों में बहुत ज्यादा तकलीफ हो रही थी और आँखों से खून आ रहा था। मुझे तुरंत इलाज की जरूरत थी, इसके बावजूद मुझे करीब एक से डेढ़ घंटा इंतज़ार करवाया गया। इस बारे में जब हमने शिकायत करने की कोशिश की तो जवाब मिला कि यहाँ इलाज करवाना है तो रुकना ही पड़ेगा वरना आप अपनी फीस लेकर जा सकते हैं।
इतनी गंभीर हालत में इतनी देर इंतज़ार करने के बाद किसी और अस्पताल में जाना भी हमारे लिए संभव नहीं था, यह देखने के बावजूद उस वक्त मौजूद डॉ डॉ अनसूया चौहान ने उचित सहायता नहीं की। जब इमरजेंसी की स्थिति में अस्पताल के स्टाफ और डॉक्टरों का यह रवैया है तो आम मरीजों के साथ किस तरह का व्यवहार किया जाता होगा यह स्पष्ट देखा जा सकता है।
नाम ना बताने की शर्त पर एक अन्य मरीज ने बताया कि हमें इलाज के लिए घंटों इंतज़ार करना पड़ता है। जाँच के बाद जब दवाइयों की पर्ची दी गई तो बाजार में वह दवाइयां कहीं भी उपलब्ध नहीं थी। हमें दवाइयां लेने के लिए हर बार अस्पताल तक आना ही पड़ता है। अस्पताल में स्टाफ और डॉक्टरों द्वारा बदतमीज़ी से बात करना बेहद आम बात है।
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