CG News: महासमुंद जिले के बागबाहरा क्षेत्र के किसानों का रकबा दूसरे ब्लॉक के गांव में जुड़ा हुआ है। इसकी वजह से वे धान बेचने से वंचित होने की स्थिति में हैं। इससे नाराज किसानों ने सोमवार को भारी संख्या में विरोध-प्रदर्शन किया।
इस समस्या से निजात पाने के लिए किसानों ने कई बार अधिकारियों से संपर्क भी किया, लेकिन सूची में कोई सुधार नहीं किया गया। इस वजह से कई किसानों का नाम धान बेचने वालों की सूची से गायब है, तो वहीं कई का रकबा ही जीरो दिखा रहा है।
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इस समस्या से परेशान किसानों ने जनपद पंचायत अध्यक्ष स्मिता हितेश चंद्राकर के नेतृत्व में SDM और तहसील कार्यालय का घेराव भी किया। प्रदर्शनकारियों में मुख्य रूप से ग्राम खट्टी एवं सेनभांठा के किसान मौजूद थे। बाद में SDM बागबहरा SK टंडन ने उन्हें समस्या के निराकरण का आश्वासन देकर विरोध-प्रदर्शन खत्म कराया।
जानकारी के अनुसार, धान खरीदी समिति परसुली अंतर्गत ग्राम खट्टी (ग्राम कोड 446641) एवं ग्राम सेनभांठा (ग्राम कोड 446642) में किसानों का रकबा जीरो प्रदर्शित हो रहा है। किसानों का आरोप है कि NIC की लापरवाही के चलते ग्राम खट्टी का रकबा महासमुंद ब्लॉक के ग्राम खट्टी में और सेनभांठा का रकबा बागबाहरा ब्लॉक के बोदरीदादर को सेनभांठा में दिखा रहा है।
इस तरह संबंधित समिति परसुली में किसानों का रकबा जीरो बता रहा है, जिसे सुधार करने समिति द्वारा उच्च अधिकारियों को लगातार पत्र व्यवहार करने के बावजूद भी अब तक सुधार नहीं हुआ। इससे किसानों को धान बेचने से वंचित होने की चिंता सता रही है।
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नया पंजीयन, संशोधन और सुधार की तारीख थी 31 अक्टूबर तक
किसानों का नया पंजीयन, संशोधन एवं सुधार करने की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर तक थी, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा समय रहते सुधार नहीं किए जाने के चलते संबंधित गांव के कृषक धान बेचने से वंचित हो सकते हैं। इससे किसानों में भारी नाराजगी और आक्रोश व्याप्त है।
SDM के आश्वासन पर माने प्रदर्शनकारी
सोमवार को दोनों गांव के किसानों की संयुक्त बैठक जनपद अध्यक्ष स्मिता हितेश चंद्राकर की मौजूदगी में की गई और रकबा में सुधार की कॉपी उपलब्ध होते तक एसडीएम एवं तहसील कार्यालय का घेराव और धरने पर बैठने का का निर्णय लिया गया। इस पर सभी किसान 12 बजे रैली के रूप में तहसील कार्यालय पहुंचे। अध्यक्ष स्मिता हितेश चंद्राकर ने तहसीलदार को समय रहते रकबा सुधार नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि किसानों को आंदोलन जैसा कदम उठाने के लिए आप लोगों ने ही मजबूर किया है।
उन्होंने तहसीलदार से कहा कि रकबा सुधार कर उसकी वास्तविक रकबा सूची जब तक मुझे और किसानों के हाथ में नहीं दी जाती, तब तक वे यहीं धरने पर बैठे रहेंगे, चाहे रात के 12 क्यों न बज जाएं। जिसके बाद एसडीएम SK टंडन एवं तहसीलदार द्वारा तत्काल जिला स्तर के उच्च अधिकारियों से चर्चा कर तत्काल एनआईसी में सुधार करने का आश्वासन देकर प्रदर्शन समाप्त कराया गया।