भोपाल। नए साल से पहले मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) ने अधिकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। सभी शिक्षक (Teachers) और कर्मचारी विभागीय शिकायतें ऑनलाइन (Online) दर्ज कर सकेंगे। इसमें शिकायत दर्ज कराने के बाद एक निश्चित समय सीमा के अंदर शिकायत का निराकरण किया जाएगा।
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मंगलवार को स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इन्दर सिंह परमार (Inder Singh Parmar) ने शिक्षक और विभागीय कर्मचारियों की शिकायत दर्ज करने की ऑनलाइन ‘ परिवेदना निवारण प्रबंधन प्रणाली’ का शुभारंभ किया। परमार ने कहा कि सुशासन की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारे सभी शिक्षक और कर्मचारी अपनी व्यक्तिगत और विभागीय शिकायतें ऑनलाइन दर्ज कर सकेंगे। उन्हें अब ब्लॉक या जिला कार्यालय में चक्कर नहीं काटने होंगे और न ही किसी अन्य शिकायत पोर्टल पर जाने की आवश्यकता होगी।
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मंत्री ने कहा कि कोरोना (Corona) काल की चुनौतियों को अवसर में बदलने के क्रम में स्कूल शिक्षा विभाग का यह एक महत्वपूर्ण कदम है। शिक्षकों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए यह आवश्यक है कि शिक्षक पूर्ण मनोयोग से शिक्षण कार्य पर ध्यान दे। उनकी समस्याओं को त्वरित और सुलभ तरीके से निराकरण के लिए यह सुविधा प्रारंभ की गई है।
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मंत्री परमार ने कहा कि विद्यालयों को स्वच्छ और आकर्षक बनाएं। इससे शासकीय शालाओं (Government Schools) के प्रति विद्यार्थियों में आकर्षण और शिक्षा (Eduction) प्राप्त करने के लिए ललक उत्पन्न होगी। उन्होंने भोपाल (Bhopa) संभाग के विद्यालयों को आकर्षक बनाने की कार्ययोजना और जबलपुर (Jabalpur) संभाग की पहल ‘ मेरी शाला मेरी जिम्मेदारी ‘ के तहत किए गए प्रयासों को सराहा। उन्होंने सभी स्कूलों (School) के शिक्षकों और प्राचार्यों से इस तरह के नवाचार अपनाने की अपील की।
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ऐसे करें शिकायत
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विकसित प्रणाली में कार्यरत और सेवानिवृत्त शिक्षक या कर्मचारी अपनी सेवा संबंधी शिकायतों को ऑनलाइन दर्ज कर सकेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग के पोर्टल www.educationportal.mp.gov.in/grievances पर शिकायत दर्ज की जा सकेगी। शिकायतकर्ता के लिए दर्ज शिकायत की ऑनलाइन ट्रैकिंग (Online Tracking) की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। हर स्तर पर शिकायतों के निराकरण और मॉनिटरिंग करने के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। निराकरण करने के पश्चात आदेश को ऑनलाइन अपलोड (Online Upload) किया जाएगा। शिकायतों को समयबद्ध और पारदर्शिता से निराकरण किया जाएगा। इससे समय और शासकीय व्यय की बचत होगी तथा विभाग के विरुद्ध न्यायालयीन प्रकरणों में भी कमी आएगी।
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माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश में न्यायालय प्रकरण से पहले अधिकारी कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करने के लिए सिस्टम को तैयार किया गया है। शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत किए जाने के बाद एक निश्चित समय तक उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सकेगा। जिससे अधिकारी कर्मचारी अपनी समस्याओं और परेशानियों को लेकर न्यायालय में नहीं जा सकेंगे। ऐसे न्यायालय प्रक्रिया अभी समय की बचत होगी।